रविवार, 6 मार्च 2016

ये महिला उन मार्क्सवादी बौद्धिकगुलामों की प्रतिनिधि हैं जिनके पुरखों ने अंग्रेज़ों के लिए क्रांतिवीरों की मुखबिरी की थी । चन्द्र शेखर आज़ाद को अल्फ्रेड पार्क में इनके पुरखों ने ही मरवाया था। मोहनदास कर्मचन्द गांधी जैसे महात्मा को इन्होनें पूँजीवाद का दलाल कहा था। पंडित नेहरू को गाली दी थी। नेताजी सुभाष बोष तक को इन्होनें नहीं बख्शा। इन्हीं की विचारधारा के एक मंत्री यूपीए सरकार में थे जिन्होनें अंडमान निकोबार की मशहूर जेल से वीरसावरकर का चित्र हटवा दिया था। पिछले दिनों पाकिस्तान जाकर उन्होंने कहा था -भारत पाकिस्तान के बीच रुका हुआ संवाद कायम हो सकता है आप (पाकिस्तान )मोदी को हटाये।

http://navbharattimes.indiatimes.com/metro/delhi/other-news/no-one-is-anti-national-only-policies-are/articleshow/51274587.cms

ये महिला उन मार्क्सवादी बौद्धिकगुलामों की प्रतिनिधि हैं जिनके पुरखों ने अंग्रेज़ों  के लिए क्रांतिवीरों की मुखबिरी की थी । चन्द्र शेखर आज़ाद को अल्फ्रेड पार्क में इनके पुरखों ने ही मरवाया था। मोहनदास कर्मचन्द गांधी जैसे महात्मा को इन्होनें पूँजीवाद का दलाल कहा था। पंडित नेहरू को गाली दी थी। नेताजी सुभाष बोष तक को इन्होनें नहीं बख्शा। इन्हीं की विचारधारा के  एक मंत्री यूपीए सरकार में  थे जिन्होनें अंडमान निकोबार की मशहूर जेल से वीरसावरकर का चित्र हटवा दिया था। पिछले दिनों पाकिस्तान जाकर उन्होंने कहा था -भारत पाकिस्तान के बीच रुका  हुआ संवाद कायम हो सकता है आप (पाकिस्तान )मोदी को हटाये।

हमेशा से भारत विरोधी देश की आज़ादी विरोधी खेमा आज भी वही काम कर रहा है जब कि नेहरू के शिकायत करने पर प्रेजिडेंट स्टालिन ने इन्हें मास्को बुलाकर फटकारा था। कहा था भारत एक आज़ाद संप्रभुता संपन्न राष्ट्र है आप वहां की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सेदारी क्यों नहीं करते हैं।

इनकी गिरिफ्त में रोहित वेमुला के बाद अब जनेऊ का छात्र अध्यक्ष सशर्त जमानत पर रिहा कन्हैया कुमार आ गया है। ये लोग अब उसे आगे करके अपना भारत विरोशी एजेंडा चलाये हुए हैं। अब ये उसे मरवायेंगे ,इलज़ाम मोदी के मथ्थे मढ़ेंगे।
ये अर्थ शाश्त्र नहीं अर्थी शाश्त्र की प्रोफ़ेसर हैं। लोगों की अर्थी निकालना इनका पेशा है। ये डिलीट ही नहीं इस काम में डीडीलिट (डी. डी.लिट )हैं बोले तो देश द्रोह में माहिर। 


ये जनेऊ में अर्थशाश्त्र की प्रोफ़ेसर हैं। इन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो पे इलज़ाम लगाने के लिए जनेऊ ने रखा हुआ है। आप भी जानिये इनके इस हुनर को क्या दूर की कौड़ी लाईं हैं मोहतरमा।



जानीमानी अर्थशास्त्री और जेएनयू की प्रफेसर जयति घोष ने 9 फरवरी की घटना को यूनिवर्सिटी के खिलाफ केंद्र की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा, 'इसकी योजना बड़े स्तर पर की गई थी। हमें संदेह है…
NAVBHARATTIMES.INDIATIMES.COM

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें