गुरुवार, 28 नवंबर 2019

पलट के आऊंगी शाखों पे खुशबुएँ लेकर, खिज़ां की ज़द में हूँ मौसम ज़रा बदलने दे!

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au re-voir! is a french exclamation meaning good bye for now (till we meet again ) tweeted Ms Fadnavis upon his husband resignation as C.M.Maharashtra on Tuesday .

पलट के आऊँगी शाखों पे खुश्बूएं लेकर ,

ख़िज़ाँ की ज़द में हूँ मौसिम ज़रा बदलने दे।

यही उदगार व्यक्त किये थे अमृता देवेंद्र  फडणवीस ने देवेंद्र के इस्तीफे पर।

Mumbai: 
Former Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis's wife Amruta Fadnavis on Tuesday tweeted a poetic verse hours after her husband resigned from his post. "Will return and bring back fragrance on branches, it's autumn season, wait for the change in weather," she tweeted in Hindi.
"Thanks Mah (Maharashtra) for memorable five years as your Vahini (sister-in-law)!The love showered by you will always make me nostalgic! I tried to perform my role to best of my abilities-with desire only to serve and make a positive difference," she added.
शख्सियत :अमृता देवेंद्र फडणवीस 
आपका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में नौ अप्रैल उन्नीस सौ उन्हासी को हुआ।आपकी माता चारुलता राना डे प्रसूति -विज्ञान की माहिर तथा आपके पिताश्री नेत्र -विज्ञान के माहिर हैं। आपका विस्तारित (संयुक्त )परिवार महिलाओं की अभिरुचि  के अनुरूप शिक्षा और स्वतंत्र विचार देने का कायल (हामी )रहा है। आपके खानदान में औरत को एक ख़ास दर्ज़ा मिलता आया है। आपकी स्कूली शिक्षा संत जोज़फ़ स्कूल नागपुर में हुई। ग्रेजुएशन भी आपने जी.एस. कॉलिज ऑफ़ कॉमर्स एन्ड इकोनॉमिक्स ,नागपुर से ही  किया  .
अनन्तर आपने एम.बी.ए (फाइनेंस )किया। सिम्बायोसिस स्कूल ,पुणे से आपने टैक्सेशन लॉ का कोर्स पूरा  किया।  पढ़ाई लिखाई के साथ -साथ आपकी खेलकूद में भी न सिर्फ शिरकत रही है अंडर सिक्सटीन लान टेनिस का आपने राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है। आप शास्त्रीय एवं लोकप्रिय गायन में भी दखल रखती हैं।
बैंकर के रूप में आपको एक मुकाम हासिल है। 
Amruta Fadnavis.jpg
Vice-President, Corporate Head(West India), Axis Bank
   

पलट के आऊंगी शाखों पे खुशबुएँ लेकर,
खिज़ां की ज़द में हूँ मौसम ज़रा बदलने दे! Thanks Mah for memorable 5yrs as your वहिनी !The love showered by you will always make me nostalgic! I tried to perform my role to best of my abilities-with desire only to serve & make a positive diff🙏

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

"क़ानून बनाम लूट"के रखवाले


"क़ानून बनाम  लूट"के रखवाले

हमारी सम्वेदनात्मक तरफदारी और तदानुभूति शहरी फौज (शहर की हिफाज़त करने वाली पुलिस )के साथ है। अलबत्ता वकीलों का हम सम्मान करते हैं लेकिन लूट में अगुवा उकीलों का नहीं जो सरे आम काले कोट की आड़ में ड्यूटी पर तैनात पुलिस अफसरान को इन दिनों पीटते देखे जा सकते हैं। ये वकीलनुमा -उकील 'वकील' नहीं हैं -उकील हैं। जो अभी मुज़रिम की ओर  दिखाई देते हैं और बोली बढ़ने पर थोड़ी देर बाद ही पीड़ित की ओर । शहर का रक्षक ऐसी छूट नहीं ले सकता। ले भी ले तो बनाये नहीं रह सकता। उकील बनने से पहले आप कहीं से भी तालीम की रसीदें (डिग्री) ले सकते हैं,  मान्य या फ़र्ज़ी यूनिवर्सिटी से और धड़ल्ले से अपनी प्रेक्टिस उका -लत या मुक्का -लात शुरू कर सकते हैं। पैसे की लात ज्यादा वजनी होती है।
पुलिस का सिपाही बनने के लिए फिटनेस होना लाज़मी है ,ट्रेनिंग भी खासी कठोर  भुगतानी पड़ती है। उकाळात में ठेका लिया जाता है केस जितवाने का ,वकालत असल होती है। वकील इंटेलेक्चुअल कहलाते हैं उकील विविधता लिए होता है।पुलिस वाला हो सकता है किसी ख़ास जात -बिरादरी का न भी बन पाता हो उकील इस मामले में विविधता लिए होता है। राजधानी दिल्ली में इन दिनों ऊकिलों की लीला चल रही है। तमाश बीन मत बनिए चने के साथ घुन भी  पिस जाता है।
वकील हमारे लिए  सदैव ही आदर के योग्य रहें हैं ऊकीलों से हमारा क्या किसी का भी पाला न पड़े ,सरोकार भगवान न कराये।