जैसे पाकिस्तान में ,खुरासान मॉड्यूल ,
बिलकुल वैसा ही यहां , ख़ुराफ़ात मॉड्यूल
ख़ुराफ़ात मॉड्यूल चलाता है जो बच्चा ,
उसे न दिखता काम हो रहा है जो अच्छा।
पूछा करे सवाल हमेशा कैसे -कैसे ,
जान जान अनजान बने बुड़बक के जैसे।(आशुकवि ओमप्रकाश तिवारी )
शब्दार्थ :बुड़बक -बोड़म ,बे -वक़ूफ़ ,अनजान ,मूर्ख
विशेष :
कैसा फ़ितरती देखो, है यह बच्चा ,
नाम जानता है जिसका हर बच्चा।
बावन साला है ये बच्चा।
नाम कई इस बच्चे के हैं -
कहते कुछ हैं अबुधकुमार ,मतिमंद इसे हैं -
खुरासान -बाबा कहते कुछ।
नहीं दोष इसका कुछ भैया ,
बीज वही है जैसी मैया,
मिलके नाचों ता -ता - थइयाँ।