गणतंत्र दिवस की परेड में मेहमानों ,मंत्रियों सांसदों को आदर पूर्वक बिठाने का एक क्रम होता है। इत्तेफाक से वर्तमान लोकसभा में कोई भी पार्टी नेता प्रतिपक्ष का दर्ज़ा पाने लायक सांसद न प्राप्त कर सकी. क्योंकि कोई भी विपक्षी दल कुल लोकसभा सदस्यों की संख्या का दस फीसद भी प्राप्त नहीं कर सका।
लिहाज़ा मायावती से राहुल तक सबका कद बराबर आंका जाना हर लिहाज़ से उचित ही कहा जाएगा।यह कांग्रेस (सोनिया )का अंदरूनी मामला है के पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए इस देश की सबसे पुरानी कही समझी जाने वाली पार्टी को (जिसे मातृ पार्टी भी एक मायने में कहा जा सकता है क्योंकि कालान्तर में अनेक लोग इससे छिटक कर अलग हुए और नए राजनीतिक दल अस्तित्व में आये )एक भी सभ्रांत योग्य सर्वस्वीकार्य गैर -जमानती व्यक्ति नहीं मिला। हमारा पार्टी के इस अंदरूनी मामले से कोई लेना देना नहीं है लेकिन उस भुक्तान करके लगवाई गई खबर से ज़रूर लेना देना है जिसके मुताबिक़ राहुल विन्ची (गांधी तो वह कहीं से हैं नहीं न जन्म से न संस्कार से ,वर्ण संकर हम उन्हें कहना नहीं चाहते क्योंकि अभी भी वह इस मामले में फ्लक्स में ही हैं )को राजपथ पर छटी कतार में बिठाना गैर -वाज़िब बतलाया गया।
अगर नेशनल हेराल्ड मामले से आप पाक साफ़ छूट जाते हैं और २०१९ में कोई कमाल कर दिखाते हैं तो ज़रूर आपको आगे की पंक्ति में बिठाने में हमें भी ख़ुशी होगी अभी तो आपके दल को पूर्व राष्ट्रपति भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केन्द्रक बतला रहे हैं। जिसकी कोख से पूर्व में प्रसूत जनेऊ (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय )पनप रहें हैं जो कन्हैया तत्व की पीठ थपथपा रहें हैं। नामशेष हो गए रक्तरंगियों के साथ दुरभि संधि करके वर्तंमान मुख्यन्यायाधीश पर महाभियोग लगाने का दिवास्वप्न देख रह हैं ये जानते हुए के मुंह की खायेंगे -लेकिन आज ये लोग गु खाकर भी देश तोड़ने को तैयार हैं इनके पाले हुए कई आचार्य छात्रों को छद्म तरीके से बीफ(गौ मांस ) भरे हुए सैनविच परोसवा रहें हैं।
संविधानिक संस्थाओं को तोड़ने का श्री गणेश इन्हीं राहुल की दादी साहिबा कर गईं थी। लेकिन इस बीच सरयू में काफी पानी बह चुका है -बिल्ली को फिर भी खाब में छिछड़े ही नज़र आ रहे हैं। खुदा खैर करे। ईश्वर इन नासमझो की भी हिफाज़त करे। जैश्रीकृष्णा जयश्रीराम जयहिंद की सेना प्रणाम ,जयभारत जय जय भारत जय तुझे सलाम।
लिहाज़ा मायावती से राहुल तक सबका कद बराबर आंका जाना हर लिहाज़ से उचित ही कहा जाएगा।यह कांग्रेस (सोनिया )का अंदरूनी मामला है के पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए इस देश की सबसे पुरानी कही समझी जाने वाली पार्टी को (जिसे मातृ पार्टी भी एक मायने में कहा जा सकता है क्योंकि कालान्तर में अनेक लोग इससे छिटक कर अलग हुए और नए राजनीतिक दल अस्तित्व में आये )एक भी सभ्रांत योग्य सर्वस्वीकार्य गैर -जमानती व्यक्ति नहीं मिला। हमारा पार्टी के इस अंदरूनी मामले से कोई लेना देना नहीं है लेकिन उस भुक्तान करके लगवाई गई खबर से ज़रूर लेना देना है जिसके मुताबिक़ राहुल विन्ची (गांधी तो वह कहीं से हैं नहीं न जन्म से न संस्कार से ,वर्ण संकर हम उन्हें कहना नहीं चाहते क्योंकि अभी भी वह इस मामले में फ्लक्स में ही हैं )को राजपथ पर छटी कतार में बिठाना गैर -वाज़िब बतलाया गया।
अगर नेशनल हेराल्ड मामले से आप पाक साफ़ छूट जाते हैं और २०१९ में कोई कमाल कर दिखाते हैं तो ज़रूर आपको आगे की पंक्ति में बिठाने में हमें भी ख़ुशी होगी अभी तो आपके दल को पूर्व राष्ट्रपति भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केन्द्रक बतला रहे हैं। जिसकी कोख से पूर्व में प्रसूत जनेऊ (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय )पनप रहें हैं जो कन्हैया तत्व की पीठ थपथपा रहें हैं। नामशेष हो गए रक्तरंगियों के साथ दुरभि संधि करके वर्तंमान मुख्यन्यायाधीश पर महाभियोग लगाने का दिवास्वप्न देख रह हैं ये जानते हुए के मुंह की खायेंगे -लेकिन आज ये लोग गु खाकर भी देश तोड़ने को तैयार हैं इनके पाले हुए कई आचार्य छात्रों को छद्म तरीके से बीफ(गौ मांस ) भरे हुए सैनविच परोसवा रहें हैं।
संविधानिक संस्थाओं को तोड़ने का श्री गणेश इन्हीं राहुल की दादी साहिबा कर गईं थी। लेकिन इस बीच सरयू में काफी पानी बह चुका है -बिल्ली को फिर भी खाब में छिछड़े ही नज़र आ रहे हैं। खुदा खैर करे। ईश्वर इन नासमझो की भी हिफाज़त करे। जैश्रीकृष्णा जयश्रीराम जयहिंद की सेना प्रणाम ,जयभारत जय जय भारत जय तुझे सलाम।
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