लूलू और नाने (नैना ,नाणा ,नना )दुनिया की पहली जीन सम्पादित जुड़वां हैं जिनका जन्म नवंबर मॉस में चीन के एक प्रांत में हुआ है।
समझा जाता है इनके माता -पिता एचआईवी संक्रमित थे इसलिए संतान पैदा करने से बचते रहे थे। चीन में तकरीबन पांच से लेकर पंद्रह लाख एचआईवी -एड्स पॉज़िटिव लोग हैं जो इस सामाजिक अभिशाप से जूझ रहे हैं ,सामाजिक उपेक्षा का निशाना बनते रहे हैं।
डॉ हे जिअन्कुई ने अपनी इस उपलब्धि की घोषणा तब की है जबकि होन्ग कोंग में मानवीय जीन सम्पादन पर अंतर्-राष्ट्रीय बैठक शुरू होने को है। इसी बरस अगस्त माह के आखिरी दिनों में आपने न्यूयॉर्क की एक लेब में नौ दम्पतियों के भ्रूण पुनर -रोपण से पहले ही सम्पादित करने का अपना काम प्रस्तुत किया था। सम्पादित जीन का नाम था :CCR5 GENE
उल्लेखित जुड़वाओं के मामले में भी आपने क्रिस्पर -सास ९(Crispr-Cas 9) के इस्तेमाल से सीसीआर ५ जीवन इकाई का सम्पादन कर दोनों भ्रूण को एचआईवी इन्फेक्शन प्रतिरोधी बना दिया है।
गौर तलब है CCR 5 ही वह जीन (जीवन खंड या खानदानी इकाई )है जो वही प्रोटीन तैयार करती है जिसका इस्तेमाल एचआईवी -एड्स विषाणु (वायरस )मानवीय कोशिकाओं में घुस पैठ के लिए करता है। इस जीवन इकाई को अक्षम बना दिया गया है डॉ हे ने ।
डॉ. हे जिअन्कुई ,'सदर्न यूनिवर्सिटी आफ साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी' में असोशिएट प्रोफ़ेसर हैं इस शोध का विरोध होने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। हालाकि आप कहते हैं :शेन्ज़ीन हार्मोनिकारे अस्पताल की नीतिशास्त्र संबंधी समिति से आप ने इस शोध के लिए अनुमति ली थी तभी यह कार्य संपन्न किया है लेकिन अस्पताल इससे मुकर रहा है।
चीन में इस प्रकार की शोध प्रतिबंधित नहीं है। सामाजिक स्वीकृति कमोबेश इस शोध को हासिल है ऐसा कई सर्वेक्षणों से खुलासा हुआ है।
दुनिया भर में इस शोध के खिलाफ इस बिना पर इस आशंका से विरोध मुखर हुआ है ,कि इस शोध से परिवारों में चलने वाले लाइलाज बने रोगों के अलावा दुस्साध्य रोगों की दिशा में तो कोई प्रगति हुई नहीं है जबकि एचआईवी -एड्स का अब प्रभावी इलाज़ भी हो रहा है। ऐसे में यह संभावना बलवती हो गई है कि ख़ास गुण -धर्म प्रवृत्ति वाली संतान की चाहना शोध को किसी भी दिशा में ले जा सकती है।कोई सिर्फ खिलाड़ी ही पैदा करना चाहेगा कोई संगीतकार और अगर एक और ट्रम्प चला आया ,किम जोंग चला आया तब क्या ?
जीवन इकाइयां समूह में ही अपना काम अंजाम देती हैं। एक जीन में फेरबदल अर्थ का अनर्थ कर सकती है। पूरे जीन -पूल में खलबली डाल सकती है जिसके परिणामों की कल्पना भी करना मुमकिन नहीं है।
The researcher, He Jiankui, offered no evidence or data to back up his assertions. If true, some fear the feat could open the door to “designer babies.”
समझा जाता है इनके माता -पिता एचआईवी संक्रमित थे इसलिए संतान पैदा करने से बचते रहे थे। चीन में तकरीबन पांच से लेकर पंद्रह लाख एचआईवी -एड्स पॉज़िटिव लोग हैं जो इस सामाजिक अभिशाप से जूझ रहे हैं ,सामाजिक उपेक्षा का निशाना बनते रहे हैं।
डॉ हे जिअन्कुई ने अपनी इस उपलब्धि की घोषणा तब की है जबकि होन्ग कोंग में मानवीय जीन सम्पादन पर अंतर्-राष्ट्रीय बैठक शुरू होने को है। इसी बरस अगस्त माह के आखिरी दिनों में आपने न्यूयॉर्क की एक लेब में नौ दम्पतियों के भ्रूण पुनर -रोपण से पहले ही सम्पादित करने का अपना काम प्रस्तुत किया था। सम्पादित जीन का नाम था :CCR5 GENE
उल्लेखित जुड़वाओं के मामले में भी आपने क्रिस्पर -सास ९(Crispr-Cas 9) के इस्तेमाल से सीसीआर ५ जीवन इकाई का सम्पादन कर दोनों भ्रूण को एचआईवी इन्फेक्शन प्रतिरोधी बना दिया है।
गौर तलब है CCR 5 ही वह जीन (जीवन खंड या खानदानी इकाई )है जो वही प्रोटीन तैयार करती है जिसका इस्तेमाल एचआईवी -एड्स विषाणु (वायरस )मानवीय कोशिकाओं में घुस पैठ के लिए करता है। इस जीवन इकाई को अक्षम बना दिया गया है डॉ हे ने ।
डॉ. हे जिअन्कुई ,'सदर्न यूनिवर्सिटी आफ साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी' में असोशिएट प्रोफ़ेसर हैं इस शोध का विरोध होने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। हालाकि आप कहते हैं :शेन्ज़ीन हार्मोनिकारे अस्पताल की नीतिशास्त्र संबंधी समिति से आप ने इस शोध के लिए अनुमति ली थी तभी यह कार्य संपन्न किया है लेकिन अस्पताल इससे मुकर रहा है।
चीन में इस प्रकार की शोध प्रतिबंधित नहीं है। सामाजिक स्वीकृति कमोबेश इस शोध को हासिल है ऐसा कई सर्वेक्षणों से खुलासा हुआ है।
दुनिया भर में इस शोध के खिलाफ इस बिना पर इस आशंका से विरोध मुखर हुआ है ,कि इस शोध से परिवारों में चलने वाले लाइलाज बने रोगों के अलावा दुस्साध्य रोगों की दिशा में तो कोई प्रगति हुई नहीं है जबकि एचआईवी -एड्स का अब प्रभावी इलाज़ भी हो रहा है। ऐसे में यह संभावना बलवती हो गई है कि ख़ास गुण -धर्म प्रवृत्ति वाली संतान की चाहना शोध को किसी भी दिशा में ले जा सकती है।कोई सिर्फ खिलाड़ी ही पैदा करना चाहेगा कोई संगीतकार और अगर एक और ट्रम्प चला आया ,किम जोंग चला आया तब क्या ?
जीवन इकाइयां समूह में ही अपना काम अंजाम देती हैं। एक जीन में फेरबदल अर्थ का अनर्थ कर सकती है। पूरे जीन -पूल में खलबली डाल सकती है जिसके परिणामों की कल्पना भी करना मुमकिन नहीं है।
The researcher, He Jiankui, offered no evidence or data to back up his assertions. If true, some fear the feat could open the door to “designer babies.”
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