गुरुवार, 3 सितंबर 2020

माला के १०८ मानकों का रहस्य

https://blog.scientificworld.in/2020/09/sun-and-earth-diameter-of-sun-is-108.html#more

White Name of Allah Islamic 99 Prayer Beads Muslim Rosary Tasbih Misbaha


अल्लाह के ९९ नाम है ,तसबीह में सौंवा 'मनका' स्वयं अल्लाह यानी गिनती का पूरक है। हर 'मनके' पर अल्लाह या मुहम्मद अंकित होता है ,सौंवां मनका सफ़ेद भी हो सकता है ,शेष श्याम (काले ). सिमरन सार्वदेशिक सार्वकालिक सार्वधार्मिक कर्म है। 


https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share



माला के १०८ मानकों का रहस्य 

माला के १०८ मनके धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माने जाते है। जप ,बिना माला के भी किया जा सकता है ,लेकिन माला से जप करने का अलग ही महत्व है। सवाल यह है कि मनके १०८ ही क्यों होते हैं कम या ज्यादा क्यों नहीं ?इसके वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही कारण हैं। माना जाता है ,निर्दिष्ट  संख्या से कम या अधिक होने पर जप निष्फल हो जाता है। 

ऋषि अंगिरा ने व्यवस्था दी है ,बिना कुश के धर्म -अनुष्ठान ,बिना जल स्पर्श के दान और बिना संख्या के जप ,ये सब निष्फल होते है। माला से निश्चित संख्या में जप होते हैं। इससे निश्चित समय तक साधना का नियम भी सधता है। माला के प्रभाव से साधना सुचारु रूप से चलती रहती है। कहा तो यह भी गया है ,माला के कारण अंगूठे और ऊँगली सतत में संघर्ष रहता है जिससे अनूठी विद्यत तरंग उत्पन्न होती है,जो हृदय चक्र को प्रभावित कर मन की एकाग्रता को साधती है। 

भारतीय ज्योतिष  विज्ञान ने पूरे आकाश में २७ नक्षत्रों को मान्यता दी है। प्रत्येक नक्षत्र के चार -चार चरण होते हैं ,इस तरह २७ को चार से गुना करने पर (२७ x ४ )अंक संख्या  आती  है १०८।  

एक माला का हर मनका  नक्षत्र सहित उसके चरण का प्रतिनिधित्व करता है। सुमेरु ,माला के आदि और अंत का  निर्धारण करता है। वह विशुद्ध ब्रह्म का प्रतिनिधित्व करता है। इस तरह  माला के १०८ मनके ब्रह्माण्ड और उसके रचनाकार ब्रह्म के रहस्यों को समाहित किये हुए हैं। 
         
                 (ज्ञान गंगा )-माला के १०८ मनकों का रहस्य ( अमर उजाला ,३ सितंबर २०२० ,पृष्ठ ९ )

राम नाम सिमरन सिमरनि के बिना मन-मन  में भी हो सकता है सिमरन ही जप है गुरुग्रंथ साहब का सार है :नाम सिमरन 

कलजुग केवन नाम अधारा ,
 सिमर सिमर उतरे भव पारा  . (मानस )

कलयुग कीर्तन ही परधाना ,
गुरमुख जप ले ल्याए ध्याना। (आदि श्री गुरुग्रन्थ साहब )

अंत को पाया यही परनाम ,
राम से बड़ा राम का नाम। 

It’s good to note that you don’t have to be religious to wear or use a mala. It is important though to understand its use and respect its significance. The beads in a traditional mala are rudraksha seeds, produced by several species of large evergreen trees associated with the Hindu deity Shiva. In the yogic tradition the beads are used in japamala practice to recite mantras in meditation (hence the name). A full cycle of 108 repetitions is counted on the mala so the practitioner can focus on the sounds, vibration and meaning of what is being said. A simple and common example of a Sanskrit mantra often chanted at the end of a yoga class would be: om shanti shanti shanti which is a calling out to connect us with inner peace.


The 109th bead that hangs at the bottom of a mala is called either the sumeru, bindu, stupa or guru bead (which often symbolizes the guru from who the student received the mala or mantra, paying homage to the student-guru relationship). It is never counted among the repetitions but used as a marker for as a start and end for a cycle.

So why 108 repetitions? This is a question with hundreds of answers. The number 108 has limitless meanings across various philosophical, scientific and religious beliefs. Some of the most interesting are:

१०८ =१ +० +८ =९ ,नौ पूर्णाक है ,शुभ है। १०८ नौ से विभाज्य है इसलिये आनंद का सूचक है। 



Sanskrit alphabet: There are 54 letters in the Sanskrit alphabet. Each has masculine and feminine, Shiva and Shakti. So, 54 times 2 is 108.
Heart Chakra: The chakras are the intersections of energy lines, and there are said to be a total of 108 energy lines converging to form the heart chakra. One of them, sushumna leads to the crown chakra, and is said to be the path to Self-realization.
Sun and Earth: The diameter of the Sun is 108 times the diameter of the Earth. The distance from the Sun to the Earth is 108 times the diameter of the Sun.
Moon and Earth: The average distance of the Moon from the Earth is 108 times the diameter of the Moon.
Planets and Houses: In astrology, there are 12 houses and 9 planets. 12 times 9 equals 108.
Powers of 1, 2, and 3 in math: 1 to 1st power=1; 2 to 2nd power=4 (2x2); 3 to 3rd power=27 (3x3x3). 1x4x27=108
Harshad number: 108 is a Harshad number, which is an integer divisible by the sum of its digits (Harshad is from Sanskrit, and means "great joy")
River Ganga: The sacred River Ganga spans a longitude of 12 degrees (79 to 91), and a latitude of 9 degrees (22 to 31). 12 times 9 equals 108.
1, 0, and 8: Some say that 1 stands for God or higher Truth, 0 stands for emptiness or completeness in spiritual practice, and 8 stands for infinity or eternity.
Pranayama: If one is able to be so calm in meditation as to have only 108 breaths in a day, enlightenment will come.
Now that you know your basic Mala 101 (er, Mala 108?), hopefully you can find the time with your necklace to practice it’s formal use and have a deeper respect and understanding into why they’re worn – especially if you’re wearing one while traveling through countries where they’re traditionally used. The mala necklace, so much more than a new-age fashion statement or proof of your nomadic worldliness.

विशेष :कृपया इसे भी देखें - माला के १०८ मनकों का रहस्य ,अमर उजाला (पृष्ठ ९ ,३ सितंबर २०२० )


जप माला में 108 मनके यूं ही नहीं होते, ये है रहस्य
महात्मा भगवान दीन 
सार
108 मनकों की माला को इसलिए पवित्र मानते हैं:
योग शास्त्रों के अनुसार शरीर में 108 तरह की विशिष्ट ग्रथियां होती हैं
बुद्ध के जन्म के समय 108 ज्योतिषियों के उपस्थित रहने की बात कही जाती है
विभिन्न धर्मों में 27, 54, 108 मनके वाली माला का विधान है ,इस्लाम इसका अपवाद है जहां ९९ मनकों का चलन है सौंवां मनका स्वयं अल्लाह है ,ब्रह्म है। 
विस्तार
एक स्मरण तो होता है चलते फिरते। आप दुनिया के सब काम कर रहे हैं और भगवान को या अपने इष्ट आराध्य को भी याद कर रहे हैं। यह स्मरण सहज है। अर्थात किसी भी समय किया जा सकता है। दूसरा स्मरण अनुष्ठानिक है। उसके लिए समय स्थिति और स्थिरता तीनों जरूरी है। इस विधि में खास समय पर खास स्थिति में खास ढंग से अपने इष्ट को याद करना होता है। इस विधि को उपासना या अनुष्ठान कहते हैं। विधि विधान चाहे जो हों लेकिन सभी धर्मों में परमात्मा को खास समय तक याद करने के लिए माला का उपयोग किया जाता रहा है। सिर्फ समय का ही ध्यान रखना होता है, माला की जगह घड़ी या समय का माप करने वाली कोई दूसरी विधि भी अपनाई जा सकती थी। लेकिन उस स्मरण में माला का उपयोग किया जाता रहा है। उपरी तौर पर लगता है कि यह उपयोग समय का हिसाब रखने के लिए है।
जप माला में 108 मनके यूं ही नहीं होते, ये है रहस्य
लेकिन असल में इसके आध्यात्मिक लाभ हैं। तभी माला फेरने की विधियां भिन्न हैं, लेकिन उसके मनकों की संख्या में करीब करीब समानता होती है। जैसे विभिन्न धर्मों में 27, 54, 108 मनके वाली माला का विधान है। उस माला के साथ मन सहज ही अपने इष्ट आराध्य में केंद्रित हो जाता है। जानकारों के अनुसार इस माला के उपयोग का विज्ञान है। श्रद्धा, भक्ति और समर्पण की प्रतीक माला के 108 मनके अपने में गूढ़ अर्थ संजोए हैं। खगोल विद्या के अनुसार एक वर्ष में 27 नक्षत्र होते हैं। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण हैं, इस प्रकार 108 चरण हुए। यह संख्या शुभ मानी जाती है, क्योंकि इससे तन मन और अंतर्जगत का परिष्कार होता है। जैन मत में भी 108 मनकों की माला को इसलिए पवित्र मानते हैं कि इससे मन, वचन और कर्म से जो हिंसा आदि पापों का निराकरण होता है।
जप माला में 108 मनके यूं ही नहीं होते, ये है रहस्य

जप मुद्रा हाथ
बौद्ध मत में भी यह संख्या शुभ मानी गई है। बुद्ध के जन्म के समय 108 ज्योतिषियों के उपस्थित रहने की बात कही जाती है। बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले देश जापान में श्राद्ध के अवसर पर 108 दीपक जलाने की प्रथा है। योग शास्त्रों के अनुसार शरीर में 108 तरह की विशिष्ट ग्रथियां होती हैं, उनका परिष्कार हो सके तो अध्यात्म पथ पर आसानी से बढ़ा जा सकता है। कहते हैं कि माला के 108 मनकों का उन ग्रंथियों से गहरा संबंध होता है।




https://www.amazon.in/Allah-Islamic-Prayer-Muslim-Misbaha/dp/B00K98QISG

नीचे तस्बीह है जिसके हर मनके पर अल्लाह या मुहम्मद का नाम अंकित है अल्लाह के ९९ नाम हैं इस्लाम में पर है वह एक ही ,एक  ओंकार 

Muslim Bookmark - Allah & Muhammad Engraved Islamic Prayer Rosary Beads

सोमवार, 24 अगस्त 2020

साधो निंदक मित्र हमारा। निंदक को निकटै ही राखूं होन न दें नियारा। पाछे निंदा करि अघ धोवै, सुनि मन मिटै बिकारा। जैसे सोना तापि अगिन मैं, निरमल करै सोनारा॥

जिस कउ राखै सिरजनहारू। झख मारउ सगल संसारु।। (आदि श्री गुरुग्रंथ साहब ,गोंड महला पांच )

संत का लीआ धरति  बिदारउ। संत का निंदकु  अकास ते टारउ। संत कउ राखउ अपने जीअ नालि। संत उधारउ तत खिण  तालि | | १ | |  सोई संतु जि भावै राम। संत गोबिंद कै एकै काम। || १ | | रहाउ | | संत कै ऊपरि देई प्रभु हाथ। संत कै  संगि  बसै दिनु राति। सासि सासि संतह प्रतिपालि। संत का दोखी राज ते टालि | | २ | | संत की निंदा करहु न कोइ। जो निंदै तिस का पतनु  होइ। जिस कउ राखै सिरजन हारु। झख मारउ सगल संसारु | | ३ | | प्रभ अपने का भइआ बिसासु। जीउ पिंडु सभु (मू ० ८६७ /६८ )तिसकी रासि। नानक कउ उपजी परतीति। मनमुख हार गुरमुख सद जीति | | ४ | | १६ | | १८ | |   

संतों द्वारा तिरस्कृत जीव धरती पर रहने के योग्य नहीं है। संतों की निंदा करने वाले को आकाश से गिरा दिया जाना चाहिए। संतों का नाम अपने प्राणों के साथ रखा जाना चाहिए ,क्योंकि संतों की कृपा हो जाए तो क्षण भर में ही जीव का उद्धार हो सकता है।१।

संत वही है जो प्रभु को प्रिय हो ,जो प्रभु का प्रिय हो; वास्तव में संत और परमात्मा का एक ही काम है अर्थात  हरि और संत में अभेद होता है।|  (१ ) |

संत मिलें तो मैं मिल जाऊं संत न मोते न्यारे (उधौं मोहे संत सदा अति प्यारे। ...)

संतों को परमात्मा का वरद हस्त ,संरक्षण प्राप्त होता है। इसीलिए दिन रात उन्हीं के संग  रहना समीचीन (ठीक )है। परमात्मा श्वास -श्वास संतों का पालन करता है। संतों को कष्ट पहुंचाने वाला अपनी प्रभुसत्ता (राजपाट )खो बैठता है। | | २ | |

ऐ लोगों , संतों की निंदा मत करो ,निंदा करने वाले का पतन निश्चित होता है। (हालांकि संत ही कह गए हैं :

निंदक नियरे राखिये आँगन कुटी  छवाय ,
बिन साबुन पानी बिना निर्मल होय सुभाय !

संत निंदा  प्रशंशा दोनों से ऊपर होते हैं। कुछ तो निंदक को अपना सबसे बड़ा मित्र समझते हैं। संत चरण दास कहते हैं :

साधो निंदक मित्र हमारा।
निंदक को निकटै ही राखूं होन न दें नियारा।

पाछे निंदा करि अघ धोवै, सुनि मन मिटै बिकारा।
जैसे सोना तापि अगिन मैं, निरमल करै सोनारा॥

घन अहरन कसि हीरा निबटै, कीमत लच्छ हजारा।
ऐसे जांचत दुष्ट संत कूं, करन जगत उजियारा॥

जोग जग्य जप पाप कटन हितु, करै सकल संसारा।
बिन करनी मम करम कठिन सब, मेटै निंदक प्यारा।

सुखी रहो निंदक जग माहीं, रोग न हो तन सारा।
हमरी निंदा करने वाला, उतरै भवनिधि पारा॥

निंदक के चरणों की अस्तुति, भाखौं बारंबारा।
'चरणदास' कहै सुनिए साधो, निंदक साधक भारा॥

वह परमात्मा जिसका रक्षक है ,सारा संसार चाहे झख मार ले ,उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। || 3 | |

होनी तो होके  रहे  लाख करे किन  कोय।

जाकू राखै साईंयां मार सके न कोय।

 फ़ानूस बन जिसकी हिफाज़त हवा करे ,

वो शम्म -अ क्या बुझे रोशन जिसे  ख़ुदा   करे।

 फ़ानूस  :शैंडेलियर्स ,Chendelliars ,Lamp shades

अपने प्रभु पर जब  विश्वास   जगता है ,तो जीवन तन मन को उसी की धरोहर मानकर उसी पर समर्पित कर देता है। गुरुनानक का  विश्वास है ,परमात्मा को समर्पित हो जाने वाला गुरुमुख सदा विजयी होता है ,मन के संकेतों पर आचरण करने वाला मन की मानने वाला मनमुख जीव जीवन में पराजित हो जाता है।
https://www.youtube.com/watch?v=lYsA9v_iC34

साधु निंदक मित्र हमारा... |श्री चरण दास जी महाराज पद | परम पूज्य श्री राजेंद्र दास जी महाराज ❣❣❣

 सत श्री अकालजियो !




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शनिवार, 1 अगस्त 2020

"रामचरित जे सुनत अघाहीं, रस विसेष जाना तिन्ह नाहीं।"

जैसे -जैसे पांच अगस्त का शुभ दिन पास आ रहा है भारत राममय हो उठा है।कलाकृतियां श्रृद्धा  का उद्वेलन हैं आलमी मेले का माहौल बन रहा है। भाग्य श्री -धनश्री वाटकर किशोरियां मानों लव कुश के नवावतार में स्वर माधुरी लिए चली आईं हैं आप भी रामभक्ति सरोवर का अवगाहन कीजिये गोता लगाइये सरयू में स्वरसाधना में :

ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की

हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की ,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।

जम्बूद्वीपे भरत खंडे आर्यावर्ते भारतवर्षे ,
एक नगरी है विख्यात अयोध्या नाम की,
यही जन्मभूमि है परम् पूज्य श्री राम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की ,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।.

रघुकुल के राजा धर्मात्मा ,
चक्रवर्ती दसरथ पुण्य आत्मा  ,
संतति हेतु यज्ञ करवाया ,
धर्म यज्ञ का शुभ फल पाया।
नृप घर जन्मे चार कुमारा ,
रघुकुल दीप जगत आधारा ,
चारों भ्रातों के शुभ नामा ,
भरत ,शत्रुघ्न ,लक्ष्मण रामा। .

गुरु वशिष्ठ के गुरुकुल जाके ,
'अल्पकाल विद्या सब पाके ,
पूरण हुई शिक्षा ,रघुवर पूरण काम की ,
हमकाथा सुनाते राम सकल गुणधाम की ,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।.

मृदु स्वर कोमल भावना ,
रोचक प्रस्तुति ढंग ,
एक एक कर वर्रण  करें ,
लव कुश राम प्रसंग ,
विश्वामित्र महामुनि राई ,
तिनके संग चले दोउ भाई ,
कैसे राम ताड़का मारी ,
कैसे नाथ अहिल्या ताड़ी।

मुनिवर विश्वामित्र तब ,
संग ले  लक्ष्मण  राम ,
सिया स्वयंवर देखने ,
पहुंचे मिथिला धाम।  .

जनकपुर उत्सव है भारी  ,
जनकपुर उत्सव है  भारी  ,
अपने वर का चयन करेगी, सीता सुकुमारी ,
जनकपुर उत्सव है भारी ।
https://www.youtube.com/watch?v=JWPyJMfTa6o

राम, तुम्हारा चरित स्वयं ही काव्य है।
कोई कवि बन जाय, सहज संभाव्य है।
"हम चाकर रघुवीर के, पटौ लिखौ दरबार;
अब तुलसी का होहिंगे नर के मनसबदार?
तुलसी अपने राम को रीझ भजो कै खीज,
उलटो-सूधो ऊगि है खेत परे को बीज।
बनें सो रघुवर सों बनें, कै बिगरे भरपूर;
तुलसी बनें जो और सों, ता बनिबे में धूर।
चातक सुतहिं सिखावहीं, आन धर्म जिन लेहु,
मेरे कुल की बानि है स्वाँति बूँद सों नेहु।"
स्वयं तुम्हारा वह कथन भूला नहीं ललाम-
"वहाँ कल्पना भी सफल, जहाँ हमारे राम।"
तुमने इस जन के लिए क्या क्या किया न हाय!
बना तुम्हारी तृप्ति का मुझसे कौन उपाय?
तुम दयालु थे, दे गए कविता का वरदान।
उसके फल का पिंड यह लो निज प्रभु गुणगान।
आज श्राद्ध के दिन तुम्हें, श्रद्धा-भक्ति-समेत,
अर्पण करता हूँ यही निज कवि-धन 'साकेत'।
अनुचर-
मैथिलीशरण
दीपावली 1988


"परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम्,
धर्म संस्थापनार्थाय, सम्भवामि युगे युगे।"


"कल्पभेद हरि चरित सुहाए,
भांति अनेक मुनीसन गाए।"

"हरि अनंत, हरि कथा अनंता;
कहहिं, सुनहिं, समुझहिं स्रुति-संता।"

"रामचरित जे सुनत अघाहीं,
रस विसेष जाना तिन्ह नाहीं।"


"भरि लोचन विलोकि अवधेसा,
तब सुनिहों निरगुन उपदेसा।"


करते तुलसीदास भी कैसे मानस-नाद?--
महावीर का यदि उन्हें मिलता नहीं प्रसाद।

राम, तुम मानव हो? ईश्वर नहीं हो क्या?
विश्व में रमे हुए नहीं सभी कहीं हो क्या?
तब मैं निरीश्वर हूँ, ईश्वर क्षमा करे;
तुम न रमो तो मन तुम में रमा करे

                          -----------------   मैथलीशरण गुप्त ( साकेत से  कुछ अंश )

वीरुभाई !








https://www.youtube.com/watch?v=tGz_1vp0Qwk


#watkarsisters

Hum Katha Sunate Ram Sakal Gun Dhaam Ki|रामायण गीत । Ramayan Luv Kush Song। watkarsisters।

https://www.youtube.com/watch?v=tGz_1vp0Qwk

#SanskarTV #WatkarSisters #BhagyashriDhanashriWatkar

इंडियन आइडल फेम भाग्यश्री-धनश्री वाटकर की सुरीली आवाज में भजन "श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी"



शुक्रवार, 22 मई 2020

A 12-year-old girl survived cardiac arrest. Doctors say she had Covid-19 and a Kawasaki-like disease

When Sean Daly saw that his daughter's lips had turned blue and her limbs were cold, he knew she wasn't fighting a normal flu.
Later that day, Juliet's heart stopped beating in the emergency room and doctors had to perform CPR to revive the 12-year-old.
She was suffering from multisystem inflammatory syndrome in children, or MISC -- a condition that experts say might be linked with the novel coronavirus.
    Health officials in Europe and the United States have recently been reporting similar cases to Juliet's. New York Gov. Andrew Cuomo says his state's health department is investigating more than 100 possible cases of the syndrome -- including three deaths -- and doctors in Kentucky, Massachusetts and Michigan have also reported possible cases.
    The syndrome causes the immune system to overreact, leading to inflammation throughout the body. It affects several organs, including the heart, liver, kidneys and "really all the cells of the body," Dr. Jake Kleinmahon, a pediatric cardiologist at Ochsner Hospital for Children in New Orleans, told CNN.
    A spokesman with the US Centers for Disease Control and Prevention told CNN the agency is preparing to release an alert warning physicians about the syndrome.

    She was 'about as close to death as you can get,' doctor says

    After going into cardiac arrest, Juliet was airlifted to the Ochsner Hospital for Children, where she had to stay on a ventilator. Her heart was "barely squeezing," Kleinmahon said, and she would soon test positive for Covid-19.
    Kleinmahon, who treated Juliet, says she "was about as close to death as you can get" when she first arrived at the hospital.
    "I really didn't understand how serious it was but I was scared," Juliet said.
    Her parents thought it was a possibility she could have the virus but were unsure because it's more common in adults.
    "We sort of had paused taking her in just because you know, you don't want to overwhelm the medical system," Sean Daly said.
    Juliet Daly spent four days on a ventilator at a New Orleans hospital.
    Some children suffering MICS have developed the syndrome after healing from Covid-19, but Kleinmahon says no one can say with complete confidence that both conditions are linked.
    Juliet was able to begin breathing on her own after four days on a ventilator and her heart and other organs had recovered by the time she was discharged on April 15.
    "When she first woke up, she wanted water and then she wanted my wife to tell her teachers that she was in the hospital," Daly said.

    It's similar to Kawasaki disease

    MISC has been described as similar to Kawasaki disease -- another inflammatory disease most commonly diagnosed in children -- and toxic shock syndrome.
    Kawasaki disease causes inflammation in the walls of the arteries and can limit blood flow to the heart. It produces a high temperature lasting over five days, a rash, swollen neck glands, cracked lips, swelling of hands and feet, and redness in both eyes.
    Children under age 5 are most commonly affected; and while it can be deadly, it is treatable. Kawasaki is a leading cause of acquired heart disease in the United States, with complications that include coronary artery enlargement and aneurysms, according to the CDC.
    While Kawasaki primarily affects the coronary arteries, the multisystem inflammatory syndrome in children seems to cause even more dysfunction in the heart, Kleinmahon said.
    Some experts are considering whether the novel coronavirus could be a trigger for Kawasaki disease. Earlier this week, a study published in The Lancet showed that the number of diagnosed Kawasaki-like cases among children in Bergamo, Italy, jumped 30-fold after the pandemic overtook the region.
      Dr. Jane Burns, the director of the Kawasaki Disease Research Center in San Diego, California, said "interesting information" is coming out of Japan, Korea and Taiwan about children with a severe form of cardiovascular collapse, but it's unclear whether the novel coronavirus is a trigger.
      "There's certainly circumstantial evidence that is leading us to want to investigate that," Burns said.

      मंगलवार, 12 मई 2020

      अमिताभ बच्चन सहित 60 से अधिक सितारों ने गाया 'गुजर जाएगा', उम्मीद जगाने वाला है ये सॉन्ग


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      गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा ,मुश्किल बहुत है ,मगर वक्त ही तो है ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा ........रचनाकार श्री  सिद्धांत कौशल

      ज़िंदा रहने का यह जो ज़ज़्बा है ,फिर उभर आएगा ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा।

      माना ,मौत चेहरा बदल कर आई है ,माना रात काली है ,
      भयावह है गहराई है ,लोग दरवाज़ों पे ,रास्तों पे रुके बैठे हैं ,
      कई घबराये हैं ,सहमें हैं ,छिपके बैठे हैं

      मगर यकीं रख ,मगर यकीं रख ,
      ये बस लम्हा है ,दो पल में बिखर जाएगा ,
      ज़िंदा रहने का यह जो ज़ज़्बा है ,फिर असर लाएगा ,
      मुश्किल बहुत है मगर वक्त ही तो है ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा।

      बिन कहे कभी न कभी ,हकीकत लेती है इम्तिहाँ ,
      पर खरे उतरने की ,नसीहत देती तो भी है हाँ ,
      उधड़ा जो पड़ा साहस ,यह सिल जाएगा ,
      देखते ही देखते ,राख से तू खिल पायेगा ,

      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा ,बंदेया ये समा गुज़र जाएगा ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा।

       बंदेया बंदेया पीठ करके न बैठ तू ,
      मुश्किल वल्ल(वेले ) साईं तेरे नाल है ,मिल जावेगा हल ,

      हौसला न हारी दा बंदेया ,हौसला न हार बंदेया ,
      हो जावेगा हल ,साईं तेरे नाल है ,
      मिल जाएगा हल।
      बंदिश :श्री  जाज़िम शर्मा
      निर्माता :प्रभुदयाल गुप्ता एवं जय वर्मा साहब
      वाचक :श्री अमिताभ बच्चन साहब
      संदर्भ -सामिग्री :https://gaana.com/lyrics/guzar-jayega

      The track is a brainchild of Varun Prabhudayal Gupta and Jay Verma. Jazim Sharma has composed it while the lyrics are written by Siddhant Kaushal. Big B also narrates the anthem song, “As the narrative in Bachchan sir's voice goes, 'waqt hi to hai, guzar Jayega (it's just time, it will pass)'

      विशेष :आज का दिन कई मायनों में बड़ा शुभ है प्रधानमन्त्री का सम्बोधन देश के मनोबल और संकल्प को ऐड़ लगा गया। नव -निर्माण की ओर  आत्मनिर्भर भारत की ओर  एक और कदम आज देश के १३७ करोड़ जनों ने रख दिया है।आपदा को अवसर में बदलने का यह शुभ मुहूर्त है। हिम्मते मर्दा मदद दे खुदा।  
      नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी (COVID 19) के दौरान सकारात्मकता फैलाने के लिए बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपनी आवाज में एक गाने को रिकॉर्ड किया है. जिसका बोल हैं 'गुजर जाएगा वक्त ही तो है', जिसमें हर इंडस्ट्री से जुड़े हुए कई नामचीन चेहरे शामिल है. 65 पर्सनालिटी को लेकर इस गाने का वीडियो बनाया गया है. करोना के इस समय में जहां हर कोई परेशान है, ऐसे में लोगों को हौसला बढ़ाता रहे और  धीरज बांधने के लिए सशक्त करता यह वीडियो है. इंडस्ट्री के सभी नामचीन हस्तियां सोनू निगम, श्रेया घोषाल, रवीना टंडन, कपिल शर्मा, मनोज बाजपेयी, एकता कपूर, मोनाली ठाकुर, रिचा चड्ढा, शान, महेश भूपति, सानिया मिर्जा, सनी लियोनी, सायंतानी घोष और वरुण प्रभु दयाल गुप्ता ने इस गाने को प्रेजेंट किया है.

      यह गीत वरुण प्रभुदयाल गुप्ता और जय वर्मा के दिमाग की उपज है. इसकी धुन जजीम शर्मा ने बनाई है, जबकि सिद्धांत कुशल ने इसे लिखा है. अमिताभ बच्चन वीडियो में इस गीत को नरेट भी करते हैं. इस गाने के बारे में श्रेया घोषाल (Shreya Ghoshal) कहती है, "अमिताभ सर की आवाज में जिस तरह से नरेटिव 'वक्त ही तो है, गुजर जाएगा' चलता है, उसे सुनकर हम सभी भावनाओं डूब जाएंगे और इस बात को महसूस करेंगे कि काली रात के बाद हमेशा सूर्योदय होता है. मैं एक ऐसे गीत का हिस्सा बन कर खुश हूं, जिसके लिए हर कोई एकजुट हुआ है यह बताने के लिए कि यह भी गुजर जाएगा."
      सनी लियोनी (Sunny Leone) इस गीत के बारे में कहती हैं, "इस मुश्किल घड़ी में हम सभी इस गीत 'गुजर जाएगा' के माध्यम से आशा और साहस का प्रसार करने के लिए साथ आए हैं. हम सभी इस वक्त साथ हैं और यह भी बीत जाएगा. घर पर रहिए और सुरक्षित रहिए." इस गीत को सोमवार को ही जारी किया जाएगा.
      सनी लियोनी (Sunny Leone) इस गीत के बारे में कहती हैं, "इस मुश्किल घड़ी में हम सभी इस गीत 'गुजर जाएगा' के माध्यम से आशा और साहस का प्रसार करने के लिए साथ आए हैं. हम सभी इस वक्त साथ हैं और यह भी बीत जाएगा. घर पर रहिए और सुरक्षित रहिए." इस गीत को सोमवार को ही जारी किया जाएगा.