शनिवार, 1 अगस्त 2020

"रामचरित जे सुनत अघाहीं, रस विसेष जाना तिन्ह नाहीं।"

जैसे -जैसे पांच अगस्त का शुभ दिन पास आ रहा है भारत राममय हो उठा है।कलाकृतियां श्रृद्धा  का उद्वेलन हैं आलमी मेले का माहौल बन रहा है। भाग्य श्री -धनश्री वाटकर किशोरियां मानों लव कुश के नवावतार में स्वर माधुरी लिए चली आईं हैं आप भी रामभक्ति सरोवर का अवगाहन कीजिये गोता लगाइये सरयू में स्वरसाधना में :

ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की

हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की ,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।

जम्बूद्वीपे भरत खंडे आर्यावर्ते भारतवर्षे ,
एक नगरी है विख्यात अयोध्या नाम की,
यही जन्मभूमि है परम् पूज्य श्री राम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की ,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।.

रघुकुल के राजा धर्मात्मा ,
चक्रवर्ती दसरथ पुण्य आत्मा  ,
संतति हेतु यज्ञ करवाया ,
धर्म यज्ञ का शुभ फल पाया।
नृप घर जन्मे चार कुमारा ,
रघुकुल दीप जगत आधारा ,
चारों भ्रातों के शुभ नामा ,
भरत ,शत्रुघ्न ,लक्ष्मण रामा। .

गुरु वशिष्ठ के गुरुकुल जाके ,
'अल्पकाल विद्या सब पाके ,
पूरण हुई शिक्षा ,रघुवर पूरण काम की ,
हमकाथा सुनाते राम सकल गुणधाम की ,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।.

मृदु स्वर कोमल भावना ,
रोचक प्रस्तुति ढंग ,
एक एक कर वर्रण  करें ,
लव कुश राम प्रसंग ,
विश्वामित्र महामुनि राई ,
तिनके संग चले दोउ भाई ,
कैसे राम ताड़का मारी ,
कैसे नाथ अहिल्या ताड़ी।

मुनिवर विश्वामित्र तब ,
संग ले  लक्ष्मण  राम ,
सिया स्वयंवर देखने ,
पहुंचे मिथिला धाम।  .

जनकपुर उत्सव है भारी  ,
जनकपुर उत्सव है  भारी  ,
अपने वर का चयन करेगी, सीता सुकुमारी ,
जनकपुर उत्सव है भारी ।
https://www.youtube.com/watch?v=JWPyJMfTa6o

राम, तुम्हारा चरित स्वयं ही काव्य है।
कोई कवि बन जाय, सहज संभाव्य है।
"हम चाकर रघुवीर के, पटौ लिखौ दरबार;
अब तुलसी का होहिंगे नर के मनसबदार?
तुलसी अपने राम को रीझ भजो कै खीज,
उलटो-सूधो ऊगि है खेत परे को बीज।
बनें सो रघुवर सों बनें, कै बिगरे भरपूर;
तुलसी बनें जो और सों, ता बनिबे में धूर।
चातक सुतहिं सिखावहीं, आन धर्म जिन लेहु,
मेरे कुल की बानि है स्वाँति बूँद सों नेहु।"
स्वयं तुम्हारा वह कथन भूला नहीं ललाम-
"वहाँ कल्पना भी सफल, जहाँ हमारे राम।"
तुमने इस जन के लिए क्या क्या किया न हाय!
बना तुम्हारी तृप्ति का मुझसे कौन उपाय?
तुम दयालु थे, दे गए कविता का वरदान।
उसके फल का पिंड यह लो निज प्रभु गुणगान।
आज श्राद्ध के दिन तुम्हें, श्रद्धा-भक्ति-समेत,
अर्पण करता हूँ यही निज कवि-धन 'साकेत'।
अनुचर-
मैथिलीशरण
दीपावली 1988


"परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम्,
धर्म संस्थापनार्थाय, सम्भवामि युगे युगे।"


"कल्पभेद हरि चरित सुहाए,
भांति अनेक मुनीसन गाए।"

"हरि अनंत, हरि कथा अनंता;
कहहिं, सुनहिं, समुझहिं स्रुति-संता।"

"रामचरित जे सुनत अघाहीं,
रस विसेष जाना तिन्ह नाहीं।"


"भरि लोचन विलोकि अवधेसा,
तब सुनिहों निरगुन उपदेसा।"


करते तुलसीदास भी कैसे मानस-नाद?--
महावीर का यदि उन्हें मिलता नहीं प्रसाद।

राम, तुम मानव हो? ईश्वर नहीं हो क्या?
विश्व में रमे हुए नहीं सभी कहीं हो क्या?
तब मैं निरीश्वर हूँ, ईश्वर क्षमा करे;
तुम न रमो तो मन तुम में रमा करे

                          -----------------   मैथलीशरण गुप्त ( साकेत से  कुछ अंश )

वीरुभाई !








https://www.youtube.com/watch?v=tGz_1vp0Qwk


#watkarsisters

Hum Katha Sunate Ram Sakal Gun Dhaam Ki|रामायण गीत । Ramayan Luv Kush Song। watkarsisters।

https://www.youtube.com/watch?v=tGz_1vp0Qwk

#SanskarTV #WatkarSisters #BhagyashriDhanashriWatkar

इंडियन आइडल फेम भाग्यश्री-धनश्री वाटकर की सुरीली आवाज में भजन "श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी"



शुक्रवार, 22 मई 2020

A 12-year-old girl survived cardiac arrest. Doctors say she had Covid-19 and a Kawasaki-like disease

When Sean Daly saw that his daughter's lips had turned blue and her limbs were cold, he knew she wasn't fighting a normal flu.
Later that day, Juliet's heart stopped beating in the emergency room and doctors had to perform CPR to revive the 12-year-old.
She was suffering from multisystem inflammatory syndrome in children, or MISC -- a condition that experts say might be linked with the novel coronavirus.
    Health officials in Europe and the United States have recently been reporting similar cases to Juliet's. New York Gov. Andrew Cuomo says his state's health department is investigating more than 100 possible cases of the syndrome -- including three deaths -- and doctors in Kentucky, Massachusetts and Michigan have also reported possible cases.
    The syndrome causes the immune system to overreact, leading to inflammation throughout the body. It affects several organs, including the heart, liver, kidneys and "really all the cells of the body," Dr. Jake Kleinmahon, a pediatric cardiologist at Ochsner Hospital for Children in New Orleans, told CNN.
    A spokesman with the US Centers for Disease Control and Prevention told CNN the agency is preparing to release an alert warning physicians about the syndrome.

    She was 'about as close to death as you can get,' doctor says

    After going into cardiac arrest, Juliet was airlifted to the Ochsner Hospital for Children, where she had to stay on a ventilator. Her heart was "barely squeezing," Kleinmahon said, and she would soon test positive for Covid-19.
    Kleinmahon, who treated Juliet, says she "was about as close to death as you can get" when she first arrived at the hospital.
    "I really didn't understand how serious it was but I was scared," Juliet said.
    Her parents thought it was a possibility she could have the virus but were unsure because it's more common in adults.
    "We sort of had paused taking her in just because you know, you don't want to overwhelm the medical system," Sean Daly said.
    Juliet Daly spent four days on a ventilator at a New Orleans hospital.
    Some children suffering MICS have developed the syndrome after healing from Covid-19, but Kleinmahon says no one can say with complete confidence that both conditions are linked.
    Juliet was able to begin breathing on her own after four days on a ventilator and her heart and other organs had recovered by the time she was discharged on April 15.
    "When she first woke up, she wanted water and then she wanted my wife to tell her teachers that she was in the hospital," Daly said.

    It's similar to Kawasaki disease

    MISC has been described as similar to Kawasaki disease -- another inflammatory disease most commonly diagnosed in children -- and toxic shock syndrome.
    Kawasaki disease causes inflammation in the walls of the arteries and can limit blood flow to the heart. It produces a high temperature lasting over five days, a rash, swollen neck glands, cracked lips, swelling of hands and feet, and redness in both eyes.
    Children under age 5 are most commonly affected; and while it can be deadly, it is treatable. Kawasaki is a leading cause of acquired heart disease in the United States, with complications that include coronary artery enlargement and aneurysms, according to the CDC.
    While Kawasaki primarily affects the coronary arteries, the multisystem inflammatory syndrome in children seems to cause even more dysfunction in the heart, Kleinmahon said.
    Some experts are considering whether the novel coronavirus could be a trigger for Kawasaki disease. Earlier this week, a study published in The Lancet showed that the number of diagnosed Kawasaki-like cases among children in Bergamo, Italy, jumped 30-fold after the pandemic overtook the region.
      Dr. Jane Burns, the director of the Kawasaki Disease Research Center in San Diego, California, said "interesting information" is coming out of Japan, Korea and Taiwan about children with a severe form of cardiovascular collapse, but it's unclear whether the novel coronavirus is a trigger.
      "There's certainly circumstantial evidence that is leading us to want to investigate that," Burns said.

      मंगलवार, 12 मई 2020

      अमिताभ बच्चन सहित 60 से अधिक सितारों ने गाया 'गुजर जाएगा', उम्मीद जगाने वाला है ये सॉन्ग


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      गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा ,मुश्किल बहुत है ,मगर वक्त ही तो है ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा ........रचनाकार श्री  सिद्धांत कौशल

      ज़िंदा रहने का यह जो ज़ज़्बा है ,फिर उभर आएगा ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा।

      माना ,मौत चेहरा बदल कर आई है ,माना रात काली है ,
      भयावह है गहराई है ,लोग दरवाज़ों पे ,रास्तों पे रुके बैठे हैं ,
      कई घबराये हैं ,सहमें हैं ,छिपके बैठे हैं

      मगर यकीं रख ,मगर यकीं रख ,
      ये बस लम्हा है ,दो पल में बिखर जाएगा ,
      ज़िंदा रहने का यह जो ज़ज़्बा है ,फिर असर लाएगा ,
      मुश्किल बहुत है मगर वक्त ही तो है ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा।

      बिन कहे कभी न कभी ,हकीकत लेती है इम्तिहाँ ,
      पर खरे उतरने की ,नसीहत देती तो भी है हाँ ,
      उधड़ा जो पड़ा साहस ,यह सिल जाएगा ,
      देखते ही देखते ,राख से तू खिल पायेगा ,

      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा ,बंदेया ये समा गुज़र जाएगा ,
      गुज़र जाएगा ,गुज़र जाएगा।

       बंदेया बंदेया पीठ करके न बैठ तू ,
      मुश्किल वल्ल(वेले ) साईं तेरे नाल है ,मिल जावेगा हल ,

      हौसला न हारी दा बंदेया ,हौसला न हार बंदेया ,
      हो जावेगा हल ,साईं तेरे नाल है ,
      मिल जाएगा हल।
      बंदिश :श्री  जाज़िम शर्मा
      निर्माता :प्रभुदयाल गुप्ता एवं जय वर्मा साहब
      वाचक :श्री अमिताभ बच्चन साहब
      संदर्भ -सामिग्री :https://gaana.com/lyrics/guzar-jayega

      The track is a brainchild of Varun Prabhudayal Gupta and Jay Verma. Jazim Sharma has composed it while the lyrics are written by Siddhant Kaushal. Big B also narrates the anthem song, “As the narrative in Bachchan sir's voice goes, 'waqt hi to hai, guzar Jayega (it's just time, it will pass)'

      विशेष :आज का दिन कई मायनों में बड़ा शुभ है प्रधानमन्त्री का सम्बोधन देश के मनोबल और संकल्प को ऐड़ लगा गया। नव -निर्माण की ओर  आत्मनिर्भर भारत की ओर  एक और कदम आज देश के १३७ करोड़ जनों ने रख दिया है।आपदा को अवसर में बदलने का यह शुभ मुहूर्त है। हिम्मते मर्दा मदद दे खुदा।  
      नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी (COVID 19) के दौरान सकारात्मकता फैलाने के लिए बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपनी आवाज में एक गाने को रिकॉर्ड किया है. जिसका बोल हैं 'गुजर जाएगा वक्त ही तो है', जिसमें हर इंडस्ट्री से जुड़े हुए कई नामचीन चेहरे शामिल है. 65 पर्सनालिटी को लेकर इस गाने का वीडियो बनाया गया है. करोना के इस समय में जहां हर कोई परेशान है, ऐसे में लोगों को हौसला बढ़ाता रहे और  धीरज बांधने के लिए सशक्त करता यह वीडियो है. इंडस्ट्री के सभी नामचीन हस्तियां सोनू निगम, श्रेया घोषाल, रवीना टंडन, कपिल शर्मा, मनोज बाजपेयी, एकता कपूर, मोनाली ठाकुर, रिचा चड्ढा, शान, महेश भूपति, सानिया मिर्जा, सनी लियोनी, सायंतानी घोष और वरुण प्रभु दयाल गुप्ता ने इस गाने को प्रेजेंट किया है.

      यह गीत वरुण प्रभुदयाल गुप्ता और जय वर्मा के दिमाग की उपज है. इसकी धुन जजीम शर्मा ने बनाई है, जबकि सिद्धांत कुशल ने इसे लिखा है. अमिताभ बच्चन वीडियो में इस गीत को नरेट भी करते हैं. इस गाने के बारे में श्रेया घोषाल (Shreya Ghoshal) कहती है, "अमिताभ सर की आवाज में जिस तरह से नरेटिव 'वक्त ही तो है, गुजर जाएगा' चलता है, उसे सुनकर हम सभी भावनाओं डूब जाएंगे और इस बात को महसूस करेंगे कि काली रात के बाद हमेशा सूर्योदय होता है. मैं एक ऐसे गीत का हिस्सा बन कर खुश हूं, जिसके लिए हर कोई एकजुट हुआ है यह बताने के लिए कि यह भी गुजर जाएगा."
      सनी लियोनी (Sunny Leone) इस गीत के बारे में कहती हैं, "इस मुश्किल घड़ी में हम सभी इस गीत 'गुजर जाएगा' के माध्यम से आशा और साहस का प्रसार करने के लिए साथ आए हैं. हम सभी इस वक्त साथ हैं और यह भी बीत जाएगा. घर पर रहिए और सुरक्षित रहिए." इस गीत को सोमवार को ही जारी किया जाएगा.
      सनी लियोनी (Sunny Leone) इस गीत के बारे में कहती हैं, "इस मुश्किल घड़ी में हम सभी इस गीत 'गुजर जाएगा' के माध्यम से आशा और साहस का प्रसार करने के लिए साथ आए हैं. हम सभी इस वक्त साथ हैं और यह भी बीत जाएगा. घर पर रहिए और सुरक्षित रहिए." इस गीत को सोमवार को ही जारी किया जाएगा.


      शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

      वृक्षाणां रक्षति वृक्षैव रक्षित :

        वृक्षाणां  रक्षति वृक्षैव रक्षित :

      एक वृक्ष सैंकड़ों  परिंदों  को पनाह देता है उनका कुदरती आवास कहो तो रैन बसेरा या हेबिटाट बनता है। राहगीर को बरसात से बचाता है। अपने जीवन काल  में दो व्यक्तिओं को जीवन रक्षक ऑक्सीजन मुहैया करवाता है फलदार वृक्ष हमारा पोषण करते हैं और मरते मरते अपनी खाद भी खुद ही बन जाते हैं। एक जंगल एक जीता जागता पर्यावरण -पारिस्थिति तंत्र होता है कितने वन्य पशुओं का रक्षक और प्रहरी बना रहता है ज़रा सा बस ज़रा सा भी इस दिशा में सोच के देखिये। 

      एक वृक्ष अपने जीवन काल  में दस -वातानुकूलित संयंत्रों की तरह हमारे परिसर के तापमान और आद्रता दोनों को हमारे अनुकूल बनाकर खड़ा रहता है।बिना बिजली का एअरकंडीशनर हैं वृक्ष। कल्पना कीजिए  केलिफोर्निया को छोड़िये औस्ट्रेलियाई  जंगल भी जब  धू धू करके दीर्घकाल तक जलता रहता है और ये दावानल रुकाये नहीं रुकता है तब कितनी नुकसानी होती होगी। जंगल का क्रंदन चीखपुकार क्या हम कभी सुन पायेंगें ?  और यह सब हमारी लापरवाही बे -दिली से हो रहा है हम जंगलात की ट्रिमिंग करना वनमाफिया के लोभ लालच के चलते भूल चुके हैं वरना सालाना सूख चुके झाड़ झंखाड़ों को तो कमसे कम हटाते। जबकि वृक्ष कार्बन के कुदरती सिंक हैं आगार हैं। हमारी हवा पानी मिट्टी हमारे पर्यावरण पारितंत्रों के हरे भरे ब्लोटिंग पेपर हैं। मृदा का अपरदन टॉप साइल के क्षरण को रोके रहते हैं वृक्ष। पहाड़ का हरा बिछौना नुंचा ,नंगा हुआ पहाड़ नदियों में मिट्टी पर्बतों से बहकर आई बाढ़ का सबब बारहा बनी हैं इसी तरह।   वायुमंडलीय शंकर हैं ,विषपाई हैं वृक्ष  प्रदूषण की मार से हमारी  हिफाज़त करते हैं.

      हम जो  जंगलातों  का सफाया करने पर आमादा हैं गर ऐसा न करते होते तो आज जलवायु आपात्काल की कौन कहे कभी इबोला कभी सार्स कभी स्वाइन फ्लू कभी सार्स  -कोव -२ की मार से बचे  रहते। अभी भी वक्त हैं आइंदा आने वाले ऐसे ही रोगों की वैश्विक  -महामारी से हम बचे रह सकते यदि हम अपने अस्तित्व से जूझ रहे इन प्राचीन अवैतनिक चौकीदारों पहरुवों को बचा पाएं। तकरीबन एक ट्रिलियन यानी दस ख़राब ऐसे ही हमारे बुजुर्ग वृक्ष आज अपने अस्तित्व के लिए हमारी और देख रहें हैं।
      जबकि ये हमारे अनुसंधानों हमारी साधना को ऐड़ लगाए रहें हैं। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत की खोज के गार्डन में ही तब की थी जब अकस्मात एक अपील टूट कर उनके सिर पर आ गिरा। बोधि वृक्ष के नीचे ही गौतम बुद्ध ने ज्ञान अर्जित किया।

      सन्दर्भ -सामिग्री और अनुप्रेरण : TIMES EVOKE "THE TREES OF OUR LIVES "(TOI APRIL 18,2020 P10.

      Sometimes, the greatest journeys occur when we stand still.  ..


         

      शनिवार, 21 मार्च 2020

      सोनिया जी मुंह लटकाये रहतीं हैं ,इन्हें शाहीन बाग़ जाकर बैठना चाहिए ,उनकी दादियां वहीँ हैं

      बीस मार्च दो हज़ार बीस में निर्भया काण्ड बर्बर अपराधियों को फांसी पर चढ़ते देखा। संयोग ही सही पर यह हैरान ज़रूर करता है ,२०. ०३. २०२० ने कमलनाथ सरकार का पतन देखा।

      विचित्र बात है ,कांग्रेस के एक सांसद अधीर रंजन चौधरी जब कुछ भी कहते हैं ,बाहों से ज्यादा कहते हैं ,जब वह अपनी बाहों को फैला लेते हैं ,उनके पीछे के कांग्रेसी चेहरे चौपट हो जाते हैं।

      सोनिया जी मुंह लटकाये रहतीं हैं ,इन्हें शाहीन बाग़ जाकर बैठना चाहिए ,उनकी दादियां वहीँ हैं।
      शीर्षक :  चीं चीं  च्यं च्यं बोले तो ट्वीट्स


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      शनिवार, 14 मार्च 2020

      new corona virus: कोरोना रोधी दादियों की बात करते हैं

      कोरौना -रोधी- दादियां !कोरोना पर कौन रोता है ?

       कोरोना का एक दुखद पहलू चीन और अमरीका के बीच वाक्युद्ध है जहां अमरीका इस कोरोना परिवार के एक और वायरस को वुहान अभिनव कोरोना  कहने से नहीं चूक रहा है वहीँ  चीन इसकी वहां दस्तक के लिए अमरीकी सैनिकों को बतला रहा है। यह आरोप -प्रत्यारोप का नहीं कोविड २०१९ विश्वमारी को एक स्तर पर मिले जुले प्रयासों से थामने का नाज़ुक वक्त है। 


      coronavirus


      coronavirus
      कोरोना रोधी दादियों की बात करते हैं 

      यह आकस्मिक नहीं हैं और न ही एक  मिथ  ,शाहीन बाग़ की दादियां और इतर मोतरमायें तमाम आबालवृद्ध गत तकरीबन तीन महोनों से स्वस्थ हैं बावजूद मौसम  की बदमिज़ाजी के तुनकमिज़ाजी के, मार्च का महीना भी इसका अपवाद नहीं हैं। ऊँट मौसम  का किस करवट बैठेगा इसका कोई निश्चय नहीं। बहरसूरत भारतीय -सांइसदानों का एक तबका ऐसा मानने लगा है ,कोरोना का यदि कोई पुख्ता इलाज़ निकलेगा तो यह कोरोना रोधी- शख्शियत की काया और मानसिक सबलता और उत्प्रेरण से ही निकलेगा।

      कहते हैं गोरों एक ऐसी नस्ल भी है जो एचआईवीएड्स रोधी है। इस पर ह्यूमेन इम्यूनो डिफीशियन्सी वायरस का कोई बस नहीं चलता। सारा फिरंगी अंदाज़ इनका एक तरफ और चुस्त- दुरुस्त प्रतिरक्षण व्ववस्था एक तरफ। इसे हलके में लेने की भूल न करें। 

      कोरोना प्रतिरोध की बात दूर  की कौड़ी फेंक न समझा जाए। यह किसी फेंकू की कलम नहीं सांइसदान की है। इसे परखा जाए। 

       बहर -सूरत यह दीगर है के ये दादियां हाथ मिलाना तो दूर नमस्ते भी नहीं करतीं हैं। नमाज़ कहते हैं नमः से ही बना है ऐसा कुछ लोगों का मानना है , विसर्ग हटाने पर स के नीचे  हलन्त लगा दीजिये बस इसी नमस् से नमज्  होता हुआ नमाज़ बना हैं। नमाज़ ज़रूर ये अता करतीं हैं। कौन जाने अल्लाहताला की याद ही इन्हें आदिनांक हर बला से बचाए रही हो।भगवान् परमेश्वर अल्लाह वाहगुरु इन्हें लम्बी उम्र दे।  


      विशेष :कोरोना के लक्षण दीखते ही अस्पताल का रुख न करें अपने कुनबाई डॉक्टर से परामर्श करें। 

      जो भी मास्क उपलब्ध है वह लगा लें ,भले टिशू पेपर से आपने खुद बनाया हो ताकी आपसे किसी और तक न पहुंचे छूतहा है यह रोग। 

        यदि खांसी है ,बुखार है बदन -और सिर दर्द है नाक बहने लगी है ,तो सांस में तकलीफ होने का इंतज़ार  न करें ये मरदूद लोवर  रिस्पायरेटरी ट्रेक्ट पर ज़ोरदार धावा बोल देता है जबकि अमूमन सर्दी जुकाम (  नज़ला ) अपर रेस्पायरेटरी ट्रेक्ट तक ही वार करता है।यहां मुकाबला रेस्पायरेटरी डिस्ट्रेस से होता है।
      डायबिटीज़ के साथ -साथ हायपरटेंशन (उच्च रक्तचाप के साथ मधुमेह की दुरभि संधि )फेफड़ों की अल्विओलीज (एअर सेक्स )पर भारी पड़ती है।  फेफड़े को होने वाली नुकसानी भी जानलेवा साबित होती है। थ्री डायमेंशनल एक्स रे साफ बतला देता है -फेफडों  में बलगम ही बलगम है सांस लेने   छोड़ने के  लिए बलगम ने जगह ही नहीं छोड़ी  है।

      संकल्प यानी हौसला और प्रतिरोधक क्षमता दोनों ही बढ़ाता है 'शाहीन बाग़'। तीन सालों से पाकिस्तान   में भी कामकाजी महिलाएं अपने हक़ -हकूकों के लिए मार्च निकालती हैं मार्च के महीने में। अब ये दादियां देखें एक 'शाहीन- बाग़' यहां भी हो।  
      अब जबकि यह नै महामारी दुनिया भर में पांच हज़ार से ज्यादा लोगों को लील चुकी है १३० से ज्यादा मुल्कों को अपने लपेटे में ले चुकी है एक लाख तीस हज़ार से ऊपर लोगों को संक्रमण कर चुकी है बचाव में ही बचाव है। यह गफलत और दहशत का नहीं सावधानी का वक्त है जन-जन  की भागेदारी चाहिए। 
          
      जानकारी ही बचाव है इस काम में सदी के महानायक माननीय अमिताभ बच्चन की एक अवधि  भाषा  में लिखी कविता को यहां देना एक दम से सटीक होगा :

      बिन हाथ धोई के ,केहू के भैया छुओ न :अमिताभ बच्चन 

      बहुतेरे इलाज़ बतावें ,जन जनमानस सब केकर नाहीं 

      कौन बताये इ सब केयू कहिस कालौंज़ी   पीसौ ,

      केयू आंवला रस,केयू  कहस घर में बैठो ,हिलो न  ठस से मस,

      ईर कहेन औ बीर कहेन ,की ऐसा कुछ भी  करो ना,

      बिन साबुन से हाथ धौई के ,केहू के भैया छुओ ना 

      हम कहा चलो हमउ कर देत हैं ,जइसन बोलईं  सब आवय देयो ,

      कोरोना -फिरौना ,ठेंगुआ दिखाऊब तब।