रविवार, 6 मई 2018

संसद ठप्प करने का काम "-डॉ वागीश मेहता ,राष्ट्रीय विचारक ,भारत धर्मी समाज

संसद को चलाये रखने में प्रतिपक्ष का सहयोग होता है। वर्तमान प्रतिपक्ष कहता है संसद को चलाना ,चलाये रखना ,व्यवस्था बनाये रखना सत्ता पक्ष का काम है। वह एक हाथ से ताली बजाये। जैसे संसद किसी और देश की हो.

 कविता 'संसद ठप्प करने का काम 'इस श्रृंखला की दूसरी रचना है डॉ वागीश मेहता के मुख से प्रसूत :

                                  संसद ठप्प करने का काम -डॉ वागीश मेहता ,राष्ट्रीय                                      विचारक ,भारत धर्मी समाज
                                (१ )
संसद ठप्प करने का काम ,ऊपर से आया पैगाम ,

हम तो चाकर बिना दाम के ,कहते आला जिसे कमान। 

                                  (२) 

नामित निर्वाचित कर भेजा ,किया साथ में यह फरमान ,

ऐसी तैसी सबकी कर दो ,देश का जीना करो हराम। 

अरे उचक्कों कुछ तो कर दो ,दहले पर नहला ही जड़ दो, 

आस और विश्वास है दोनों ,ढ़ाई -चावल का बढ़ेगा दाम।

जिस मुखबिर को पाक में भेजा ,वह लाया था यह पैगाम, 

हल्ला- हल्ला हो -हल्ला बस ,करो इसे आदेश मानके ,

अफवाहों में पैर लगा दो ,भ्रम हिंसा उलटी ख़बरें ,

सेकुलर घोड़े बिना लगाम ,संसद को कर दो हलकान ||    

                                (३ ) 

कंकर मणि भयंकर नाम ,सावरकर का नाम हटाया ,

किया शहीदों का अपमान , यूं  पीढ़ी -दर -पीढ़ी उसके ,

पुरखे करते थे ये काम ,हो अँगरेज़ या मुगली मालिक ,

कदम  बोसी कर खबरें देना ,और झुककर फरसी सदा सलाम। 


                               (४ )

हल्ला करते बिना प्रयोजन ,और न लेते अल्प विराम ,

हाई -कमान की ऐसी मंशा हम तो ताबे हुकम गुलाम। 

वर्ण साँकरी वंश  हमारा ,गूगल दर्ज़ हैं सभी प्रमाण,

गाज़ी कौन ,कौन गंगाधर ,क्यों कर डीएनए पहचान। | 


प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा ),सेवानिवृत्त  प्राचार्य ,गमेण्ट पोस्टग्रेजुएट कालिज                                                                        बादली ,झज्जर (हरियाणा ) 
                                


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