महाभारत का शिशुपाल और राहुल
राहुल का लगता है ,कोई सही अर्थों में हितेषी ही नहीं है। सब चाहते हैं इनका (भारतीय राजनीति के राहु) का सर फट जाए। पहले इनके हितेषियों ने इनसे कहलवाया -देश का चौकीदार चोर है अब कहलवा रहें हैं :कमांडर इन थीफ।
कृष्ण ने शिशुपाल को सौ बार माफ़ कर दिया था। वह उनके भांजे थे।बहन को दिए वचन के अनुसार सौ बार तक माफ़ करने के लिए वह प्रतिबद्ध थे। एक सौ -एक -वीं मर्तबा जब शिशुपाल ने राहुल की तरह फिर बद-खेली की ,बदजुबानी की कृष्ण के साथ तब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से उनका सर उड़ा दिया।
कृष्ण की खामोशी को राहुल तौल नहीं पा रहे हैं। गोयलबल्स भी स्वयं अपने से हार गया था। कमसे कम उनकी माँ को चाहिए वह अपने बेटे को शिशुपाल होने से रोकें ताकि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ -साथ देश के प्रधानमन्त्री भी बन सकें हम भी यही चाहतें हैं।
इस देश का इतिहास साक्षी है जीत हमेशा से सत्य की ही हुई है। शिशुपाल हर बार मारा गया है। भगवान इनके कूकरों को भी सबुद्धि दे जो नेहरुपंथी अवशेषी कांग्रेस के चारण भाट और चिरकुट कहलाते हैं।
आखिर प्रधानमन्त्री का पद एक संविधानिक पद है जिन्होनें देश विदेश में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है।
हम बात प्रधानमन्त्री नरेंद्र दामोदर मोदी की कर रहें हैं 'मोदी 'की नहीं।
https://www.youtube.com/watch?v=RXeEa6uvv68
राहुल का लगता है ,कोई सही अर्थों में हितेषी ही नहीं है। सब चाहते हैं इनका (भारतीय राजनीति के राहु) का सर फट जाए। पहले इनके हितेषियों ने इनसे कहलवाया -देश का चौकीदार चोर है अब कहलवा रहें हैं :कमांडर इन थीफ।
कृष्ण ने शिशुपाल को सौ बार माफ़ कर दिया था। वह उनके भांजे थे।बहन को दिए वचन के अनुसार सौ बार तक माफ़ करने के लिए वह प्रतिबद्ध थे। एक सौ -एक -वीं मर्तबा जब शिशुपाल ने राहुल की तरह फिर बद-खेली की ,बदजुबानी की कृष्ण के साथ तब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से उनका सर उड़ा दिया।
कृष्ण की खामोशी को राहुल तौल नहीं पा रहे हैं। गोयलबल्स भी स्वयं अपने से हार गया था। कमसे कम उनकी माँ को चाहिए वह अपने बेटे को शिशुपाल होने से रोकें ताकि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ -साथ देश के प्रधानमन्त्री भी बन सकें हम भी यही चाहतें हैं।
इस देश का इतिहास साक्षी है जीत हमेशा से सत्य की ही हुई है। शिशुपाल हर बार मारा गया है। भगवान इनके कूकरों को भी सबुद्धि दे जो नेहरुपंथी अवशेषी कांग्रेस के चारण भाट और चिरकुट कहलाते हैं।
आखिर प्रधानमन्त्री का पद एक संविधानिक पद है जिन्होनें देश विदेश में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है।
हम बात प्रधानमन्त्री नरेंद्र दामोदर मोदी की कर रहें हैं 'मोदी 'की नहीं।
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