शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

और वो मंदमति तुम्हारा लाडला उसकी कौन कहे अल्पमति की - मोदी ने अगर मनमोहन से आर्थिक संवाद भी किया है तो यह उनकी राष्ट्र मर्यादा है वह जिस भारतीय संस्कार में पलें हैं राष्ट्रहित को पहचानते हैं अपने वैयक्तिक अहम से आगे रखते हैं राष्ट्र को। उनके मन में कोई व्यक्तिगत वैर नहीं है उसके खिलाफ ये अबुद्ध बालक प्रचार कर रहा है की मोदी को तो कुछ पता ही नहीं था अर्थ -व्यवस्था क्या होती है। वो मनमोहन से पूछ के काम कर रहें हैं।

ये कहा जा रहा है ये साहित्यकारों और अकादमी के बीच का मामला है। ये जो दुष्प्रचार किया जा रहा है उससे ही शाहिद हफ़ीज़ जैसों को यह कहने की शह मिली है कि अगर शाहरुख खान भारत में दुखी हैं तो पाक आ जाएं। हम उनका प्रबंध पाकिस्तान में कर देंगे।

सोनिया ने अपनी ममेरी मौसी नयनतारा सहगल को आगे करके पहला  इस्तीफा दिलवाया ,खुद मार्च किया राष्ट्रपति भवन तक। पूरे देश में ऐसा माहौल  बनाने की कोशिश की अभिव्यक्ति की आज़ादी पे संकट है। जो इतने दिनों से प्रलाप किया जा रहा है वह अभिव्यक्ति का संकट है ?आपके मुंह पर तो ताला होना चाहिए था । झूठे प्रचार की लोग पोल खोलने लगे तो हम भारत भाव के लोग असहनशील हो गए ,प्रहार करते हाथ को हमने रोक दिया तो हम अ-सहिष्णु हो गए । सोनिया इस बात को सोचे वे देश का विरोध क्यों कर रही है। काश्मीर पे हिन्दुस्तानी जुल्म कर रहें हैं वे क्यों ऐसा कह रहीं हैं। साढ़े तीन लाख काश्मीरी पंडित अपने घर से जो निकाले गए उनका कोई ज़िक्र नहीं वहां पर जो हुर्रिायत के लोग हैं उन्हें अगर नज़र बंद किया जा रहा है तो काश्मीर पे  जुल्म हो गया। मोदी का विरोध करो राष्ट्र का क्यों विरोध करती हो मायनो सोनिया।
और वो मंदमति तुम्हारा लाडला उसकी कौन कहे अल्पमति की -

मोदी ने अगर मनमोहन से आर्थिक संवाद भी किया है तो यह उनकी राष्ट्र मर्यादा है वह जिस भारतीय संस्कार में पलें हैं राष्ट्रहित को पहचानते हैं अपने वैयक्तिक अहम से आगे रखते हैं राष्ट्र को।  उनके मन में कोई व्यक्तिगत वैर नहीं है उसके खिलाफ ये अबुद्ध बालक  प्रचार कर रहा है की मोदी को तो कुछ पता ही नहीं था अर्थ -व्यवस्था क्या होती है। वो मनमोहन से पूछ के काम कर रहें हैं।

लेखकों से आगे निकलके सोनिया राजनीति कर रहीं हैं। मोदी से विरोध है तो उसे राजनीतिक विरोध तक सीमित रखें देश को क्यों बदनाम कर रहीं हैं सोनिया मायनो और उनका मंदमति लाडला।  

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