रोहित वेमुला की जाति का निर्धारण करने वाले राहुल पहले अपनी जाति तो बतलाएं वह गाज़ी से गांधी कैसे हो गए। पारसियों में तो गांधी होते नहीं हैं होते तो आज भारत में अब भी मौजूद पारसियों में भी कई गांधी गोत्रधारी होते। मायनो ने जब उनका पालन पोषण किया तो वह गांधी कैसे हो गए। नेहरू -मायनो तक फैली वंशवेल में गांधी कहीं नहीं हैं। फिर किस बिना पर राहुल मायनो (कथित राहुल गांधी ) रोहित वेमुला मरणोपरांत उन्हें दलित घोषित करके राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं जब की स्वयं राहुल वेमुला के पिता श्री मणिकुमार वेमुला उन्हें पिछड़ा वर्ग से सम्बद्ध वेड्डरा बतला रहें हैं।
कांग्रेसी पूनिया तो आईएएस रहें हैं वह तो हिम्मत करके राहुल मायनो से पूछ ही सकते थे ,पहले बबुवा अपनी जात तो बतलाओ।
भारत की जनता आज कह रही है चिल्ला चिल्ला कर इन तीन जमातों के उन लोगों पर मुकदमा चलाया जाए जिन्होनें रोहित वेमुला को बीफ पार्टी देने तथा याकूब मैमन के समर्थन में उसकी फांसी को मुल्तवी करने के लिए झंडा बुलंद करने के लिए उकसाया।
इनमें शरीक है फाशिष्ट वादी मार्क्सवादी सीताराम येचुरी और वृंदा कारंत की सोच के लोग ,ओवेसी बंधू हैदराबादी तथा राहुल-मायनो सोच के लोग। जेहादी मानसिकता के तत्व जो देश का एक और विभाजन करवाना चाहते हैं। देश की आर्थिक तरक्की के रास्ते में रोड़े डाल रहे हैं। यही तत्व आज रोहित वेमुला की आत्मघाती मौत के बाद उसकी जाति को उछालकर जातिवादी शतरंज पे चुनावी गोटियां बिछा रहे हैं। संसद को एक बार फिर ठप्प करने का मंसूबा बाँध रहें हैं।
कांग्रेसी पूनिया तो आईएएस रहें हैं वह तो हिम्मत करके राहुल मायनो से पूछ ही सकते थे ,पहले बबुवा अपनी जात तो बतलाओ।
भारत की जनता आज कह रही है चिल्ला चिल्ला कर इन तीन जमातों के उन लोगों पर मुकदमा चलाया जाए जिन्होनें रोहित वेमुला को बीफ पार्टी देने तथा याकूब मैमन के समर्थन में उसकी फांसी को मुल्तवी करने के लिए झंडा बुलंद करने के लिए उकसाया।
इनमें शरीक है फाशिष्ट वादी मार्क्सवादी सीताराम येचुरी और वृंदा कारंत की सोच के लोग ,ओवेसी बंधू हैदराबादी तथा राहुल-मायनो सोच के लोग। जेहादी मानसिकता के तत्व जो देश का एक और विभाजन करवाना चाहते हैं। देश की आर्थिक तरक्की के रास्ते में रोड़े डाल रहे हैं। यही तत्व आज रोहित वेमुला की आत्मघाती मौत के बाद उसकी जाति को उछालकर जातिवादी शतरंज पे चुनावी गोटियां बिछा रहे हैं। संसद को एक बार फिर ठप्प करने का मंसूबा बाँध रहें हैं।
Rohith Vemula was a Dalit,says SC/ST panel chief Punia
LUCKNOW: Refuting claims of external affairs minister Sushma Swaraj, SC/ST commission chairman PL Punia said here on Sunday that Hyderabad scholar Rohith Vemula who committed suicide early this month was a Dalit.
Talking to reporters here, Punia said: "He was a member of the Scheduled Caste. Some people are only trying to water down the issue. Rohith and his siblings were brought up by a single mother, so how can any law determine his caste by that of his father who had left the family years ago?" he asked. Punia, who visited Hyerabad Central University a day after Rohith committed suicide, said: "I met the university officials and his friends, including those who were suspended from the hostel, and I believe Rohith was a Dalit."
Punia also claimed that Rohith's mother was a Dalit and so are his other siblings and they have certificates to establish their claims. "How can he belong to a different caste then," Punia, who is also a Rajya Sabha MP, said. Targeting those who have criticized Congress vice president Rahul Gandhi for joining the hunger strike with those protesting against Rohith's death outside the university campus in Hyderabad, Punia said: "I am thankful to Rahulji for standing up so strongly for the cause of Dalits."
Punia also claimed that he had asked the University authorities to ensure action on the FIR lodged against those responsible for Rohith's death in which University VC and Union labour minister Bandaru Dattetreya had been named as accused.
Punia also claimed that he had asked the University authorities to ensure action on the FIR lodged against those responsible for Rohith's death in which University VC and Union labour minister Bandaru Dattetreya had been named as accused.
A retired IAS officer of UP cadre, Punia, also came down heavily on Union HRD minister Smriti Irani for claiming that the probe against Rohith was conducted by university professors who were Dalit. "It has been proved beyond doubt that she had lied," he said. "Even if, for a moment, we believe that Rohith was from the OBC, should he have been forced to commit suicide, the way he was?" he said.
Manikumar Vemula, father of PhD scholar Rohith Vemula, had claimd that his son hailed from the backward Vaddera community. "My son was not a Scheduled Caste person. We hail from the Vaddera community of backward classes," he said wondering how his estranged wife Radhika was claiming SC status.
राजनीति का कुत्सित खेल निंदनीय है
जवाब देंहटाएं