मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

इसी स्थिति में किसी शायर ने ये उदगार तत्कालीन पाकिस्तान के सन्दर्भ में अभिव्यक्त किये था जो लगातार ऐसे ही मोरोंस के हाथों की कठपुतली बना हुआ था। पाकिस्तान का क्या हुआ इसे आज दुनिया देख रही है। इस भारत देश का क्या हो सकता है इसे भारतधर्मी समाज साफ़ साफ़ देख रहा है। तुष्टिकरण खा गया इस देश को। रक्तरंगी वोटखोर बघनखे खोले खड़े हैं ,शहजादे को आगे किया हुआ है। बिहार तो गया जंगलराज के हाथों अब पश्चिमी बंगाल की बारी है।

दोस्तों गत दशकों में कांग्रेस ने जो बीज बोया था वह वृक्ष बन चुका है उसी का एक कड़वा फल है केजरवाल (केजर बवाल ),इसी सोच के अन्य लोग . भारत धर्मी समाज आज हतप्रभ है शर्मिंदा है वह खुद से कि वह एक ऐसे  देश में क्यों हैं -जहां राजनीति के धंधे बाज क्रांतिकारियों और आतंकियों में फर्क करना भूल गए हैं और देशद्रोह के भड़काऊ नारों को अभिव्यक्ति की आज़ादी बतला रहें हैं। 


उस शहजादे का बुरा वक्त आ चुका है जो  अब बोलने तो लगा है लेकिन  लगातार अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर जहर उगल रहा है। यही वह घियासुद्दीन गाज़ी उर्फ़ गंगाधर नेहरू का वंशज है जो खुद को क्रांतिवीरों का खून बतला रहा है। 

दोस्तों आप भी देख लो कैसे होते हैं ये रक्तरंगी वोटखोर। 

इसी स्थिति में किसी शायर ने ये उदगार तत्कालीन पाकिस्तान के सन्दर्भ में अभिव्यक्त किये था जो लगातार ऐसे ही मोरोंस के  हाथों की कठपुतली बना हुआ था। पाकिस्तान का क्या हुआ इसे  आज दुनिया देख रही है। 

इस भारत देश का क्या हो सकता है इसे भारतधर्मी समाज साफ़ साफ़ देख रहा है। 

तुष्टिकरण खा गया इस देश को। रक्तरंगी वोटखोर बघनखे खोले खड़े हैं ,शहजादे को आगे किया हुआ है। बिहार तो गया जंगलराज के हाथों अब पश्चिमी बंगाल की बारी है। 

https://www.google.co.in/webhp?sourceid=chrome-instant&ion=1&espv=2&ie=UTF-8#q=Har+Shakh+Pe+ullu+Baithhaa+hai+Lyrics%3F


Har shaakh pe ullu baitha hai anjam-e-gulistan kya hoga


Barbad gulistaan karne ko to ek hi ullu kaafi tha
Yahan..har shaakh pe ullu baitha hai anjam-e-gulistan kya hoga

बर्बाद गुलिस्ताँ करने को तो ,एक ही उल्लू काफी था ,

यहां हर शाख पे उल्लू बैठा है ,अंजाम -ए -गुलिस्ताँ क्या होगा।

Literally meaning

For destroying the wonderful garden, even one owl is sufficient
Here there is an owl on each branch, wonder what would happen to the garden

http://dkrai.blogspot.in/2010/12/barbad-gulistan-karne-ko-to-ek-ullu-hi.html


(Only one owl is sufficient to ruin a garden


when there is a owl at every branch 


God only knows the fate of garden)

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