सीधे सीधे देश को तोड़ने की कोशिश है ये
कुर्सी छिन जाने की अपनी भड़ास निकाल के फुलझड़ियाँ छोड़ते हुए टिक्चरबाज़ी करते हुए ये मंदमति संसद से बाहर निकल जाते हैं। ओ भाई आरोप लगाते हो तो ज़वाब भी सुनते जाओ। संसद का इस तरह आप मज़ाक नहीं बना सकते। राष्ट्रपति इसी ओर इशारा कर रहे हैं ,अमल करो मन को चलने दो संसद को ,बढ़ने दो आगे देश को। समझ जाओ राष्ट्रपति के संकेत। नहीं समझोगे तो जनता सड़कों पर आके समझाएगी।
सिफत देखिये कुर्सी छीन जाने के बाद खीझी खिसियाई कांग्रेस की :
(१) मार्क्सवादी फासीसीटों से ये मदद लेती है।
(२) जेहादी मानसिकता के लोगों से भी मदद की गुहार लगा रही है।
(३) जाति परास्त मज़हब परस्त लोगों का सहयोग ले रही है।
(४) पाकिस्तान से मदद का आवाहन कर रही है।
हवा में शब्द उछाल रही है अ -सहिष्णुता ,जहां कोई मुद्दा नहीं है वहां एक मुद्दा खड़ा करने की कोशिश करते हैं ये कांग्रेसी। चैनई की जल प्रलय ,१८८ लोगों की मौत इन्हें दिखलाई नहीं देती। एक इख्लाख़ की मौत को मथ रहे हैं ये कांग्रेसी। इनकी नेहरुकालीन धर्मनिरपेक्षता सिर्फ हिन्दुओं के लिए है.
कुर्सी छिन जाने की अपनी भड़ास निकाल के फुलझड़ियाँ छोड़ते हुए टिक्चरबाज़ी करते हुए ये मंदमति संसद से बाहर निकल जाते हैं। ओ भाई आरोप लगाते हो तो ज़वाब भी सुनते जाओ। संसद का इस तरह आप मज़ाक नहीं बना सकते। राष्ट्रपति इसी ओर इशारा कर रहे हैं ,अमल करो मन को चलने दो संसद को ,बढ़ने दो आगे देश को। समझ जाओ राष्ट्रपति के संकेत। नहीं समझोगे तो जनता सड़कों पर आके समझाएगी।
सिफत देखिये कुर्सी छीन जाने के बाद खीझी खिसियाई कांग्रेस की :
(१) मार्क्सवादी फासीसीटों से ये मदद लेती है।
(२) जेहादी मानसिकता के लोगों से भी मदद की गुहार लगा रही है।
(३) जाति परास्त मज़हब परस्त लोगों का सहयोग ले रही है।
(४) पाकिस्तान से मदद का आवाहन कर रही है।
हवा में शब्द उछाल रही है अ -सहिष्णुता ,जहां कोई मुद्दा नहीं है वहां एक मुद्दा खड़ा करने की कोशिश करते हैं ये कांग्रेसी। चैनई की जल प्रलय ,१८८ लोगों की मौत इन्हें दिखलाई नहीं देती। एक इख्लाख़ की मौत को मथ रहे हैं ये कांग्रेसी। इनकी नेहरुकालीन धर्मनिरपेक्षता सिर्फ हिन्दुओं के लिए है.
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