कांग्रेस बन गई है पंचक -डॉ. वागीश मेहता (गुडगाँव )
कांग्रेस का यह पंचक दोष ,
काम नहीं करने देती ,
लोकसभा हो या राज्यसभा ,
बार बार हल्ला करती।
नोट :कृपया इस लम्बी कविता के मुखड़े से ही आज काम चलाइये -पूरी कविता कल पढ़ियेगा। रचनाधीन इस कविता का बीजारोपण हो चुका है ,समय पूर्व प्रसव ठीक नहीं हैं। प्रसव की अपनी पीड़ा और आनंद है।
वीरुभाई !
कांग्रेस का यह पंचक दोष ,
काम नहीं करने देती ,
लोकसभा हो या राज्यसभा ,
बार बार हल्ला करती।
नोट :कृपया इस लम्बी कविता के मुखड़े से ही आज काम चलाइये -पूरी कविता कल पढ़ियेगा। रचनाधीन इस कविता का बीजारोपण हो चुका है ,समय पूर्व प्रसव ठीक नहीं हैं। प्रसव की अपनी पीड़ा और आनंद है।
वीरुभाई !
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