ये और इस किस्म के तमाम वर्णसंकर एक दिन अपने पूर्वजों को भी नकार देंगे -कहेंगे हम तो सीधे ही आ गए। पूर्वज
कैसे।
'राम' एक महामंत्र है। राम भारत की प्रभाती का पहला स्वर है। सुबह उठकर
हम कहते हैं 'राम राम भाई '. दोपहर को कहते हैं 'राम राम जी '. अंतिम यात्रा
में कहते हैं 'राम नाम सत्य है ,सत्य बोलो गत्य है (सत्य ही गति है ).
जाति और मज़हब परस्त नीतीश गिरोह बिहार के वोट कब्ज़ा कर अपने बिलों
में घुस गया था। हम तो समझे थे शीत निद्रा में चला गया। लेकिन आज लबारी
लालू के परमसखा नीतीश लाल बोले -मोहन भागवद के बयान पर -भागवद
की
दूसरी 'राम ' कथा। कैसे हिन्दू है ये , राम मंदिर के नाम से ये भड़कते हैं ,शर्म
आती हैइन्हें रामनाम कहने और सुनने से । सेकुलर
हिंदू ऐसे ही लोग कहाते हैं।
एक करुणानिधि हैं जो रामसेतु की बात चली तो बोले राम तो थे ही नहीं ,राम
कथा एक दन्त कथा है।
ये और इस किस्म के तमाम वर्णसंकर एक दिन अपने पूर्वजों को भी नकार देंगे
-कहेंगे हम तो सीधे ही आ गए। पूर्वज कैसे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें