वो कहते हैं न कि बात में से बात निकलती है और हम किसी अच्छे निष्कर्ष पर भी कई बार पहुँच जाते हैं। बस ऐसा ही पिछले दिनों हुआ एक रोहतकी (रोहतक के कौतिकी जाट ,बाई करालरी विनोदप्रिय )मित्र हैं उनकी वाल पे पढ़ने को मिला कि बीवी की मार बड़ी विकट होती है उसके लपेटे में तो एक पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति भी आ गए थे।
बतलादें आपको उनकी बीवी ने पहले उन्हें घर में पीटा ज़रूर था लेकिन उनकी उस मामले पे फजीहत नहीं की थी जो बहुचर्चित हुआ था। पूरा साथ दिया था पतिजी का जिस पर खोजी स्ट्रिँग खोरों ने सेक्समेनियाक होने तक का लेवल चस्पां कर दिया था।
बतलादें आपको अमरीकी समाज वृहत्तर राष्ट्रहितों को देखता है ये महोदय दूसरे टर्म में भी राष्ट्रपति का चुनाव जीते थे। पूर्व राष्ट्रपति अमरीकी समाज में जेड सिक्युरिटीज लेके नहीं बैठते हैं अपने कलाम साहब की तरह आबालवृद्धों के लिए जनार्दन बन जाते हैं।
समाज उपयोगी काम करते हैं संसद की पिछली कतारों में शालीनता से बैठते हैं अपना योगदान करते हैं। ओबामा साहब के पहले टर्म के चुनाव प्रचार में इनकी अहम भूमिका रही थी। अपना होम वर्क करके बोलते हैं ये लोग लालू की तरह शैतान इनके मुख में मौक़ा देख के नहीं घुस आता है।
निजी जीवन और देशहित का परस्पर घालमेल नहीं करता है अमरीकी समाज। हमारे यहां वह मतिमंद कुमार शहजादा बिहार की चुनाव सभाओं में मोदी जी की पोशाकों का हिसाब किताब लगाके बतला रहा है कि उन्होंने कौन से मुल्क में कौन सी पोशाक पहनी। इनकी दादी तो पंडित से पूछ के वस्त्र पहनती थी कौन से दिन कौनसी साड़ी पहने। कहाँ ऊँट पे चढ़के पहुंचे कहाँ हाथी पर। कहाँ जनजातियों की पोशाकें पहन नृत्य करे उनके साथ।
आदत अपनी खराब है टीचर हैं इसलिए हर शब्द के प्रयोग के प्रति लगाव रखते हैं। ऊपर हमने एक कठिन शब्द प्रयोग कर दिया था जाटों की हाज़िरजवाबी विनोदप्रियता के संदर्भ में वह शब्द था -करोलरी (बाई करोलरी ,By corollary )का मतलब होता है -ऐसी स्थिति या कथन जो अन्य स्थिति या कथन का स्वाभाविक और प्रत्यक्ष परिणाम है। इसे निष्कर्ष या अनुमिति भी कह सकते हैं।
तो भाई शहजादे महागठबंधन की लुटिया डुबाने वाले एकल आप ही नहीं हैं -राम मिलाई जोड़ी एक अंधा एक कौढी।और भी साझेदार हैं। किसी के मुंह में शैतान है किसी के मुंह में सेकुलरमन्त्र जप। हम सेकुलर हैं का गान ।
बतलादें आपको उनकी बीवी ने पहले उन्हें घर में पीटा ज़रूर था लेकिन उनकी उस मामले पे फजीहत नहीं की थी जो बहुचर्चित हुआ था। पूरा साथ दिया था पतिजी का जिस पर खोजी स्ट्रिँग खोरों ने सेक्समेनियाक होने तक का लेवल चस्पां कर दिया था।
बतलादें आपको अमरीकी समाज वृहत्तर राष्ट्रहितों को देखता है ये महोदय दूसरे टर्म में भी राष्ट्रपति का चुनाव जीते थे। पूर्व राष्ट्रपति अमरीकी समाज में जेड सिक्युरिटीज लेके नहीं बैठते हैं अपने कलाम साहब की तरह आबालवृद्धों के लिए जनार्दन बन जाते हैं।
समाज उपयोगी काम करते हैं संसद की पिछली कतारों में शालीनता से बैठते हैं अपना योगदान करते हैं। ओबामा साहब के पहले टर्म के चुनाव प्रचार में इनकी अहम भूमिका रही थी। अपना होम वर्क करके बोलते हैं ये लोग लालू की तरह शैतान इनके मुख में मौक़ा देख के नहीं घुस आता है।
निजी जीवन और देशहित का परस्पर घालमेल नहीं करता है अमरीकी समाज। हमारे यहां वह मतिमंद कुमार शहजादा बिहार की चुनाव सभाओं में मोदी जी की पोशाकों का हिसाब किताब लगाके बतला रहा है कि उन्होंने कौन से मुल्क में कौन सी पोशाक पहनी। इनकी दादी तो पंडित से पूछ के वस्त्र पहनती थी कौन से दिन कौनसी साड़ी पहने। कहाँ ऊँट पे चढ़के पहुंचे कहाँ हाथी पर। कहाँ जनजातियों की पोशाकें पहन नृत्य करे उनके साथ।
आदत अपनी खराब है टीचर हैं इसलिए हर शब्द के प्रयोग के प्रति लगाव रखते हैं। ऊपर हमने एक कठिन शब्द प्रयोग कर दिया था जाटों की हाज़िरजवाबी विनोदप्रियता के संदर्भ में वह शब्द था -करोलरी (बाई करोलरी ,By corollary )का मतलब होता है -ऐसी स्थिति या कथन जो अन्य स्थिति या कथन का स्वाभाविक और प्रत्यक्ष परिणाम है। इसे निष्कर्ष या अनुमिति भी कह सकते हैं।
तो भाई शहजादे महागठबंधन की लुटिया डुबाने वाले एकल आप ही नहीं हैं -राम मिलाई जोड़ी एक अंधा एक कौढी।और भी साझेदार हैं। किसी के मुंह में शैतान है किसी के मुंह में सेकुलरमन्त्र जप। हम सेकुलर हैं का गान ।
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