अबकी बारी जाय बिहारी ,
मोदी पे बलिहारी ,
महाठगिनीन पे आन पड़ी है विपदा भारी।
कृपा करो उनपर गिरधारी,
जिनके मुख घुस आयो शैतान भारी।
ये पंक्तियाँ लिखने के बाद हमने गुरुग्राम फोनवा लगायो। बलवती इच्छा थी अब दो ही दिन रह गए चुनाव के गुरु वागीश से मॉडरेशन करवाया जाए। पता चला आज वागीश जी जल्दी सो गये दिन भर काम करते रहे। सो नींद भी संतोष की आती है। आदतन उल्लेखित पंक्तियाँ हमने गुरुवाइन को ही सुनादीं। वे बोली भगवानजी की ही कृपा हुई जो लालू मुख से शैतान निकल गया। उनका परलोक तो सुधरा ही राजनीति की दिशा भी बदल जाएगीअब। अंदर रहता शैतान तो लालू का बड़ा अनहित होता। भगवान अहेतुक दयालु हैं।
जिनके हृदय श्री राम बसें ,तिन और को नाम लियो न लियो
यहां तो शैतान डेरा डाले हुए था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें