गुरुवार, 5 नवंबर 2015

गणेश की दो पत्नियां हैं -ऋद्धि और सिद्धि। और दो पुत्र हैं -शुभ और लाभ। श्रीसीतारामजी के मंदिर भारत भर में हैं लेकिन उनके पुत्रों लव और कुश के मंदिरों का ज़िक्र देखने को नहीं मिलता। कृष्ण की तो रानियां ही सोलहहज़ार एक सौ आठ है प्रत्येक से दस दस पुत्रों का ज़िक्र आता है लेकिन मंदिर किसी एक का भी नहीं है। न प्रद्युम्न का न अनिरुद्ध का। पुत्र प्रपोत्र कहीं भी पूजित नहीं हैं देवालयों में।

समस्त देवकुल में सबसे ज्यादा पूजित शिव परिवार है। शिव के तीन पुत्र हैं। भगवान अय्यपन ,कार्तिकेय और गणेश तीनों के मंदिर देखने को मिलते हैं उत्तर और दक्षिण भारत में। चिदंबरम देवालय में शिव को नटराज रूप में -अविद्या के रूप में विद्यमान दानवी अपस्मरा का मर्दन करते हुए दिखाया गया है। शेष स्थानों पर शिव लिंग (निर्गुण )रूप में शंकर आकारी देव ,सगुण  रूप में पूजित हैं।

सगुण मीठो खाड़ सो ,निर्गुण कड़वो नीम ,

जाको गुरु जो परस दे ,ताहि प्रेम सो जीम।

एक ही परब्रह्म के दो रूप है निर्गुण और सगुण।

गणेश की दो पत्नियां हैं -ऋद्धि और सिद्धि। और दो पुत्र हैं -शुभ और लाभ। श्रीसीतारामजी के मंदिर भारत भर में हैं लेकिन उनके पुत्रों लव और कुश के मंदिरों का ज़िक्र देखने को नहीं मिलता। कृष्ण की तो रानियां ही सोलहहज़ार एक सौ आठ है प्रत्येक से दस दस पुत्रों का ज़िक्र आता है लेकिन मंदिर किसी एक का भी नहीं है। न प्रद्युम्न का न अनिरुद्ध का। पुत्र प्रपोत्र कहीं भी पूजित नहीं हैं देवालयों में।

शिव परिवार के प्रत्येक  सदस्य के मंदिर हैं। सिद्धिविनायक गणेश हो या भगवान कार्तिकेय या अय्यप्पन या   फिर देवी दुर्गा पराम्बा पार्वती उमा भवानी हों,या स्वयं शिव हों।मंदिर ही मंदिर हैं जिनके तो देखो।   

देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय दक्षिण भारत में -भगवान मुरुगन के नाम से जाने जाते हैं ,षण्मुख भी कहाते हैं शौर्यजेश और शिवकुमार भी। षड्मुखी हैं भगवान कार्तिकेय। शिव पंचानन (पांच मुखी )और गणेश एकानन (एक मुखी कहाते हैं ). श्री सुब्रमण्य अश्तोत्त्र में कार्तिकेय के १०८ नामों  का बखान है।
इनकी दो पत्नियों का दक्षिण में ज़िक्र है -देवी देवसेना और देवी वल्ली। महाभारत के वन पर्व में देवी देवसेना का ज़िक्र आया है।

http://www.indianhindunames.com/108-names-murugan-ashtottara-shatanaamavali.htm

Shiva Linga

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